जनता के इस सकारात्मक रुख के बाद भी आम आदमी पार्टी आठ सीटें क्यों हार गई, इस पर पार्टी में मंथन शुरू हो गया है। बृहस्पतिवार को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 8 सीटों पर हुई हार की समीक्षा की। इस दौरान कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को केजरीवाल ने निर्देश दिया कि जिन सीटों पर पार्टी हारी है, वहां लगातार जनता के संपर्क में रहा जाए। उनके काम और समस्याओं का भी तत्परता से समाधान हो। जनता से और करीबी संबंध स्थापित किए जाए।
8 सीटों पर मिली हार की हुई समीक्षा
मुख्यमंत्री आवास पर हुई समीक्षा बैठक में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता और प्रत्याशी मौजूद थे। इस दौरान प्रत्याशियों से हार के कारणों को विस्तार से जाना गया। सभी ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि इतना काम करने के बाद भी आप 8 सीटों पर कैसे हार मिली। जिन सीटों पर बहुत कम अंतर से हार हुई, उन पर विशेष बात हुई जिसमें लक्ष्मी नगर सबसे महत्वपूर्ण है। जहां पार्टी आठ सौ वोट से हार गई। आप बदरपुर, रोहिणी के अलावा यमुनापार की भी छह सीटें हार गई हैं।
तीन सीटों पर मौजूदा विधायक हारे
लक्ष्मीनगर, गांधी नगर, विश्वास नगर, रोहतास नगर करावल नगर व घोंडा शामिल हैं। इनमें से तीन सीटों पर आप के विधायक थे जो फिर से चुनाव लड़े और हार गए। इसमें घोंडा से श्रीदत्त शर्मा, लक्ष्मी नगर से नितिन त्यागी व रोहतास नगर से सरिता सिंह हैं।
उधर भारतीय जनता पार्टी में भी 62 विधानसभा सीटों पर मिली हार की समीक्षा का दौर भी शुरू हो गया है। दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी ने गुरुवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव बीएल संतोष से मुलाकात की। इस दौरान दो घंटे तक बैठक में परिणामों पर चर्चा की गई। अब शुक्रवार को मनोज तिवारी प्रदेश कार्यालय में दिल्ली के नेताओं के साथ बैठक करेंगे और हर सीट की समीक्षा करेंगे। इसके बाद समीक्षा रिपोर्ट राष्ट्रीय नेतृत्व को सौंपी जाएगी। पार्टी का मानना है कि दिल्ली में अब कांग्रेस का जनाधार लगभग समाप्त हो गया है और AAP के साथ उसका सीधा मुकाबला है। इसे ध्यान में रखकर 51 फीसद मत हासिल करने की रणनीति तैयार की जाएगी।