केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर ऊर्जित पटेल को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आरबीआई ने यह नोटिस बैंक डिफॉल्टर्स की लिस्ट का खुलासा न करने के बारे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन न करने के कारण भेजा है।
वहीं सीआईसी ने प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय और आरबीआई से यह भी पूछा है कि वो फंसे हुए कर्ज (बैड लोन) के संबंध में पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के पत्र को सार्वजनिक करें। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 50 करोड़ रुपये और उससे ज्यादा कर्ज लेने और जानबूझकर उसे नहीं चुकाने वालों के विलफुल डिफॉल्टर्स के नाम के संबंध में आरबीआई की ओर से जानकारी नहीं दिए जाने से नाराज आयोग ने पटेल से पूछा है कि अदालत के फैसले का अनुपालन न करने पर उन पर अधिकतम जुर्माना क्यों न लगाया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन सूचना आयुक्त शैलेश गांधी के उस फैसले को बरकरार रखा था, जिसमें उन्होंने विलफुल डिफॉल्टर्स के नाम उजागर करने की बात कही थी। सीआईसी के मुताबिक ऊर्जित पटेल ने बीते 20 सितंबर को केंद्रीय सीवीसी में कहा था कि सतर्कता पर सीवीसी के दिशा-निर्देश का उद्देश्य अधिक पारदर्शिता, सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और सत्यनिष्ठा की संस्कृति को बढ़ावा देना है।
इसके साथ ही सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने बताया, “आयोग का मानना है कि आरटीआई नीति को लेकर आरबीआई गवर्नर और डिप्टी गवर्नर के कथन तथा जो उनकी वेबसाइट कहती है, उनमें कोई मेल नहीं है।”
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