चंद्रयान-2 मिशन को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। भले ही अब तक चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है, मगर चंद्रयान का ऑर्बिटर चंद्रमा पर अच्छे से काम कर रहा है।
इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर काफी अच्छे से काम कर रहा है। सभी पेलोड संचालन शुरू हो गए हैं, यह बहुत अच्छा कर रहा है। हमें लैंडर से कोई संकेत नहीं मिला है लेकिन ऑर्बिटर बहुत अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्रीय स्तर की समिति इस बात का विश्लेषण कर रही है कि वास्तव में विक्रम लैंडर के साथ क्या गलत हुआ।
ISRO Chief K Sivan: Maybe after the committees submits the report, we'll work on the future plan. Necessary approvals and other processes are required. We are working on that. https://t.co/mFe3B40pnT
— ANI (@ANI) September 26, 2019
इसरो चीफ के सिवन ने कहा कि हो सकता है कि जब समितियां रिपोर्ट सौंप दें तब भविष्य की योजना पर हम काम करें। अनुमोदन और अन्य प्रक्रियाओं की आवश्यकता होती है। हम उस पर काम कर रहे हैं।
इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने शनिवार को यहां कहा कि चंद्रयान-2 मिशन ने अपना 98 फीसदी लक्ष्य हासिल किया है जबकि वैज्ञानिक लैंडर ‘विक्रम के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। सिवन ने यह भी कहा कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर ठीक से काम कर रहा है और तय वैज्ञानिक प्रयोग ठीक से कर रहा है।
उन्होंने कहा, ”भविष्य की योजना पर चर्चा जारी है…किसी भी चीज को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। हमारी प्राथमिकता अगले वर्ष तक मानव रहित मिशन है। पहले हमें समझना होगा कि लैंडर के साथ क्या हुआ। उन्होंने कहा कि ‘विक्रम के साथ संवाद होने का विश्लेषण राष्ट्रीय स्तर की समिति कर रही है जिसमें शिक्षाविद और इसरो के विशेषज्ञ शामिल हैं।
सिवन ने कहा, ”हम अभी तक लैंडर के साथ संपर्क नहीं कायम कर सके हैं। जैसे ही हमें कोई आंकड़ा मिलता है, आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इसरो प्रमुख ने कहा कि ऑर्बिटर के लिए शुरू में एक वर्ष की योजना बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि संभावना है कि यह साढ़े सात वर्षों तक चलेगा। उन्होंने कहा, ”ऑर्बिटर तय विज्ञान प्रयोग पूरी संतुष्टि के साथ कर रहा है। ऑर्बिटर में आठ उपकरण हैं और आठों उपकरण अपना काम ठीक तरीके से कर रहे हैं।