पूर्व सेना प्रमुख बिपिन रावत ने बुधवार को पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के रूप में कार्यभार संभाला। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका कार्य तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाना है। जनरल बिपिन रावत ने सेना के राजनीतिकरण किए जाने के आरोप कहा कि हम राजनीति से बहुत दूर रहते हैं। हमें सत्ता में सरकार के निर्देशों के अनुसार काम करना होता है।
जनरल रावत ने यह भी कहा कि तीनों सेनाएं एक टीम के रूप में काम करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें जो कार्य दिया गया है, वह तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाना है। हमारी कार्रवाई टीमवर्क पर निर्भर करेगी। हमें अपनी अखंडता और टीम वर्क के माध्यम से बेहतर काम करना होगा।
तीनों सेनाओं द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया
इससे पहले उन्होंने नैशनल वॉर मेमोरियल पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और उन्हें तीनों सेनाओं द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान नए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे, एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया और नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
2022 तक सीडीएस के पद पर अपनी सेवाएं देते रहेंगे जनरल रावत
बता दें कि जनरल रावत मंगलवार को सेना प्रमुख पद से रिटायर हुए। सोमवार को सरकार ने उन्हें देश का पहला सीडीएस नियुक्त किया था। वह मार्च 2022 तक इस पद पर अपनी सेवाएं देते रहेंगे। तीनों सेनाओं के बीच बेहतरीन समन्वय के लिए सीडीएस की नियुक्ति हुई है। कारगिल युद्ध के बाद इस पद की मांग उठी थी।
विदाई समारोह में क्या बोले जनरल रावत
अपने विदाई समारोह के दौरान जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान और चीन से लगी सीमाओं पर किसी भी तरह की चुनौती से निपटने के लिए भारतीय सेना बेहतर तरीके से तैयार है। जनरल रावत ने जटिल परिस्थितियों में अडिग रहने वाले सैनिकों का आभार भी जताया। उन्होंने कहा, ‘सेना प्रमुख अकेले कुछ नहीं करता। उसे काम करने के लिए जवानों और सभी रैंक के अधिकारियों से सहयोग की जरूरत होती है।’