सीबीएसई 10वीं बोर्ड की लिखित परीक्षा में पहले 80 में से 33 फीसद अंक लाना पास होने के लिए अनिवार्य था। प्रैक्टिकल के 20 अंकों में से भी 33 फीसद अंक अनिवार्य होता था।
मार्च 2018 की परीक्षा में हुआ था बदलाव
सीबीएसई की तरफ से फरवरी 2018 में 10वीं बोर्ड की परीक्षा से पहले एक अधिसूचना जारी की गई थी कि पहले के नियम से छात्रों को रियायत दी जाएगी। इसके जरिए छात्रों को लिखित और प्रैक्टिकल दोनों मिलाकर 33 फीसद अंक ही पास होने के लिए चाहिए होंगे। यानी कि छात्रों को पहले के नियम की तरह लिखित में 33 फीसद और प्रैक्टिकल में 33 फीसद अंक लाने की जरूरत नहीं होगी।
सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अभी इसको लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन इस बात की संभावना बहुत अधिक है कि लिखित और आतंरिक मूल्यांकन परीक्षा में कुल 33 फीसद अंकों की व्यवस्था आगे भी जारी रह सकती है। शैक्षणिक सत्र 2016-17 तक बोर्ड परीक्षा के लिए निर्धारित कुल 80 और आंतरिक मूल्यांकन के 20 अंकों में से अलग-अलग 33 फीसद अंक लाने की अनिवार्यता थी। अब विद्यार्थियों को दोनों परीक्षाओं में अलग-अलग 33 फीसद अंक लाने से छूट मिलेगी। छात्र के यदि दोनों परीक्षाओं में कुल मिलाकर 33 फीसद अंक आते हैं तो उसे पास माना जाएगा