शहर में रोशनबाग के मंसूर अली पार्क में 22 जनवरी को कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने से सुर्खियों में जेएनयू की छात्रा आफरीन फातिमा आ गई है। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में फातिमा ने अपना बचाव किया है।
फातिमा ने कहा-उसने संविधान के खिलाफ कुछ नहीं बोला
फातिमा ने कहा है कि उसने संविधान के खिलाफ कुछ नहीं बोला है। उसने ये कहा था कि सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) और एनआरसी जैसे कानून संविधान के विपरीत हैैं। इंटरव्यू में फातिमा ने कहा कि उसने सुप्रीम कोर्ट के भी खिलाफ नहीं बोला है। कुछ मसलों पर रोष जताया है। उसने कहा कि उसके दो वीडियो में छेड़छाड़ कर यह वीडियो वायरल किया गया है। उसने शरजील इमाम के असम को देश से काटने के बयान पर कहा कि ऐसा बोलना गलत है। उसने कहा कि पुलिस को सही और निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। उसने कुछ गलत नहीं किया है।
छात्रा फातिमा का भाषण वायरल हुआ है, पुलिस कर रही जांच
उल्लेखनीय है कि जेएनयू की छात्रा आफरीन फातिमा रोशनबाग की रहने वाली है। उसने 22 जनवरी को मंसूर अली पार्क में भाषण दिया जिसमें कई बातों को आपत्तिजनक करार देते हुए वायरल किया गया है। एसपी सिटी बृजेश श्रीवास्तव का कहना है कि जांच के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सीएए के विरोध में मंसूर अली पार्क में बुधवार को भी भीड़ जमा रही। महिलाएं भी धरनास्थल पर मौजूद थीं।
निचले तबके के लोगों को फंसा रही पुलिस
सीएए-एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान सभी 15 हिंसा प्रभावित शहरों की स्टूडेंट्स फैक्ट फाइंडिंग मिशन यूपी ने यात्रा की। 30 प्रमुख विश्वविद्यालयों के छात्रों ने 14 से 19 जनवरी तक इन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इविवि के पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रेसवार्ता में बताया कि जिन शहरों का दौरा किया गया उनमें मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, फिरोजाबाद, सहारनपुर, भदोही, कानपुर, लखनऊ, मऊ, वाराणसी, फैजाबाद, संभल, शामली शामिल रहे। दावा किया कि इसमें यह तथ्य सामने आया कि निचले तबके के लोगों को पुलिस बेवजह फंसा रही है। पुलिस ने विशेष रूप से उन मुस्लिम बस्तियों के लोगों को निशाना बनाया जो आर्थिक रूप से बहुत कमजोर थे। यह भी सामने आया कि पुलिस ने बिना सबूत लोगों को गिरफ्तार किया है। प्रेसवार्ता के दौरान बीएचयू के पूर्व महामंत्री विक्रम सिंह, इविवि की शोध छात्रा मृदुला और बीएचयू के रजत सिंह भी रहे।