
14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन बिहार के गया में लोगों को सीएए के बारे में समझाएंगे। वह 18 जनवरी को काशी, 19 जनवरी को गोरखपुर, 20 जनवरी को लखनऊ, 21 को कानपुर, 22 को मेरठ और 23 को आगरा के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
बता दें कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संशोधित नागरिकता कानून की अधिसूचना जारी कर दी। इसके साथ ही यह कानून पूरे देश में प्रभावी हो गया। गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस कानून को लागू करने की तारीख 10 जनवरी, 2020 की तारीख तय की है।
नागरिकता संशोधन विधेयक 10 दिसंबर को लोकसभा और उसके एक दिन बाद राज्यसभा में पारित हुआ था। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद 12 दिसंबर को यह कानून बन गया। इसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ना का शिकार हो रहे हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी और यहूदी अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।
कानून के मुताबिक 31 दिसंबर, 2014 या उससे पहले बिना यात्रा दस्तावेज भारत आने वाले उक्त तीनों देशों के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा। इसके अलावा मौजूदा कम से कम 11 साल प्रवास के बाद नागरिकता देने वाले प्रावधान को भी घटा कर पांच साल कर दिया गया है। सरकार ने हालांकि अब तक इस मामले में नियम नहीं बनाए हैं। बताया जाता है कि इस संबंध में विशेषज्ञों से परामर्श के बाद सरकार फैसला लेगी। गौरतलब है कि इस कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं, इसके समर्थन में भी बड़ी संख्या में लोगों ने जुलूस निकाले।
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