नागरिकता संशोधन कानून (CAA), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी का सरकार पर हमला लगातार जारी है. ओवैसी ने तेलंगाना के निजामाबाद में शुक्रवार को जनसभा को संबोधित करते हुए एक बार फिर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है.
ओवैसी ने कहा कि CAA और NRC के नाम पर गृहमंत्री देश को गुमराह कर रहे हैं. अमित शाह कह रहे हैं कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर का कोई कनेक्शन नहीं है लेकिन यह झूठ बोल रहे हैं. NPR नागरिकता को वेरिफाई करेगा और बाद में यही NRC हो जाएगा. ओवैसी ने कहा कि एनपीआर ही एनआरसी की दिशा में पहला कदम है.
नागरिकता संशोधन कानून पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान का उल्लंघन किया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस देश को मजहब के रंग में रंगना चाहती है. एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा कि एनपीआर और एनआरसी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह संवाद का संकट नहीं है, यह संविधान बचाने का संकट है.
ओवैसी ने रैली में उपस्थित लोगों के मोबाइल की लाइट ऑन कराकर भारतीय नागरिक होने की याद दिलाते हुए कहा, क्या आप भारत के निवासी हैं. क्या आप भारत को सेक्युलर बनाए रखेंगे, क्या आप गांधी और आंबेडकर के विचारों को बनाए रखेंगे, क्या आप भारत में भाई चारा बनाए रखेंगे, क्या आप सीएएस, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ हैं.
ओवैसी ने कहा कि हम यकीनन इस बात के खिलाफ नहीं हैं कि अगर कोई शख्स किसी मुल्क से परेशान होकर भारत आता है तो उसे पन्हा ना दी जाए.
बल्कि हम कहते हैं कि उन्हें हिंदुस्तान में जगह दीजिए लेकिन मज़हब की बुनियाद पर कानून संविधान के खिलाफ है. ओवैसी ने कहा कि संविधान के मुताबिक समानता का अधिकार जीतता है मजहब नहीं. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी खुद को अंबेडकर और डॉ राजेंद्र प्रसाद से ज्यादा बुद्धिमान समझते हैं.