आगामी एक फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट में केंद्र सरकार अपनी महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के लिए कई प्रोत्साहनों की घोषणा कर सकती है। सूत्रों के अनुसार, बजट में किफायती आवास के लोन पर ब्याज से जुड़े ब्याज पर सब्सिडी में बढ़ोतरी की जा सकती है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री वित्त वर्ष 2024-25 के लिए किफायती आवासों के आवंटन को बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये कर सकती हैं।
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इस मद में 790 अरब रुपये का आवंटन किया गया था। सरकार के एक आंतरिक अनुमान के अनुसार, देश को दो करोड़ घरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
बढ़ सकती है पीएमएवाई की अवधि
वहीं, उद्योग के अनुमान के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में 1.5 करोड़ घरों की कमी है जो 2023 तक बढ़कर दोगुना हो जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 में ‘सभी के लिए’ के लक्ष्य के साथ पीएमएवाई योजना लॉन्च की थी।
केंद्र ने पिछले महीने संसद में बताया था कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में किफायती आवासों पर सरकार पिछले पांच वर्षों में 2.4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च कर चुकी है।
एक सूत्र ने बताया कि पीएमएवाई योजना दिसंबर 2024 में खत्म होने जा रही है, लेकिन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इस योजना की अवधि को तीन-पांच और वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार, अधिकारी चाहते हैं कि भूमि की लागत व कच्चे माल के मूल्य में बढ़ोतरी के लिए प्रोत्साहन राशि बढ़ाई जाए और इस योजना का विस्तार भी किया जाए।
आवासीय योजना के तहत सरकार घर निर्माण को लिए जाने वाले लोन की ब्याज पर एक लाख से 2.67 लाख रुपये तक की सब्सिडी देती है। अधिकारी चाहते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक घर के लिए वित्तीय सहायता की न्यूनतम सीमा दो लाख रुपये की जाए। साथ ही शहरी क्षेत्र में 50 लाख रुपये तक के होम लोन पर ब्याज सब्सिडी दी जाए।
आवासीय एवं शहरों मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा था कि शहरी किफायती आवासों से जुड़ी ब्याज-सब्सिडी को लेकर जल्द एक प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा जाएगा। हालांकि, उन्होंने बजट में आवासीय क्षेत्र संबंधी प्रस्तावों पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
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