जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव (General Election 2019) की तारीखें नजदीक आ रही हैं वैसे-वैसे भाजपा के लिए मुश्किले बढ़ती जा रही हैं। अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बीजेपी (BJP) की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने गठबंधन तोड़ने की धमकी दी है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के महासचिव अरुण राजभर ने कहा कि अगर भाजपा हमारी ओर से उठाई गई मांगों से सहमत नहीं होती है तो निश्चित तौर पर हम उनसे रिश्ता तोड़ देंगे। अगर 24 फरवरी तक सामाजिक न्याय समिति की सिफारिशों को लागू नहीं किया गया तो हमारा भाजपा से रास्ता अलग होगा और उसके बाद हम उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम आवश्यकता पड़ने पर भाजपा विरोधी गठबंधन (सपा-बसपा) के साथ भी जा सकते हैं। उनके साथ कई दौर की वार्ता हो चुकी है’।
अंतिम चेतावनी देते हुए राजभर ने कहा कि अगर भाजपा हमारी मांगे नहीं मानती है तो 24 फरवरी के बाद भाजपा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। ऐसा नहीं है सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने बीजेपी से अलग होने की धमकी दी है उनके अलावा नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने भी केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए से अलग होने की धमकी दी। एनपीपी के अध्यक्ष एवं मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने धमकी दी है कि अगर यह विधेयक राज्यसभा में पारित होता है तो उनकी पार्टी केंद्र में सत्तारूढ़ राजग से अलग हो जाएगी। संगमा ने कहा कि एनपीपी की यहां शनिवार को हुई महासभा में इस आशय का एक प्रस्ताव पारित किया गया। उन्होंने बताया कि एनपीपी मेघालय के अलावा अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड की सरकारों को समर्थन दे रही है। महासभा में इन चारों पूर्वोत्तर राज्यों के पार्टी नेता मौजूद थे। संगमा ने कहा कि पार्टी ने एकमत से एक प्रस्ताव स्वीकार किया है जिसमें नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 का विरोध करने का निर्णय किया गया है। अगर यह विधेयक पारित हो जाता है तो एनपीपी राजग के साथ अपना गठबंधन तोड़ देगा।