नई दिल्ली: बीजेपी ने बीएसपी अध्यक्ष मायावती पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनका हमला राजनीतिक रूप से प्रेरित था क्योंकि वह नोटबंदी से कालेधन पर उनके प्रहार से परेशान थीं जिसने उनकी पार्टी की ‘अवैध’ धनराशि को बेकार कर दिया. बीजेपी ने मायावती पर दलितों और गरीबों के नाम पर राजनीति करते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. बीजेपी ने दावा किया कि मायावती दलितों और गरीबों के कल्याण के उद्देश्य वाली मोदी की नीतियों से हताश हैं.
बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने जिस दिन सत्ता संभाली उसी दिन घोषणा की थी कि उनकी सरकार गरीबों के कल्याण को समर्पित होगी. उनकी सरकार की प्रत्येक योजना, चाहे वह मुद्रा योजना हो, जीवन और स्वास्थ्य बीमा योजना हो या उज्ज्वला योजना हो, इसी दिशा में निर्देशित हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों ने दलितों और गरीबों के नाम पर धनराशि जुटायी है, वे मोदी की कल्याण वाली नीतियों से हताश और परेशान हैं. उनके द्वारा भ्रष्ट तरीकों से एकत्रित पूरी धनराशि बेकार हो गई है. उनके खिलाफ उनके आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित और आधारहीन हैं. हम उसे खारिज करते हैं.’’
दलितों पर अत्याचार के 30000 मामलों के अलावा हत्या के 11000 केस दर्ज
श्रीकांत शर्मा ने दावा किया कि नोटबंदी निर्णय ने नौकरशाह…राजनेताओं के गठजोड़ पर चोट की है जिसने गरीबों को दशकों तक लूटा है. उन्होंने समुदाय के लिए काम करने के मायावती के दावे पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि मायावती सरकार के शासन के दौरान दलितों पर अत्याचार के 30000 मामलों के अलावा हत्या के 11000 मामले दर्ज हुए.
शर्मा ने बीजेपी के दलित समर्थक तथ्यों को मजबूती प्रदान करने के लिए कहा कि दलित नेता बी आर अंबेडकर को भारत रत्न बीजेपी समर्थित राष्ट्रीय मोर्चा सरकार के दौरान दिया गया. वहीं मोदी सरकार ने उनसे संबंधित पांच स्थानों को विकसित किया है. उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी ओर मायावती ने इन सालों के दौरान कांग्रेस का समर्थन किया, वह कांग्रेस ही थी जिसने अंबेडकर के लिए कुछ भी नहीं किया और चुनावों में उन्हें हराने के लिए भी काम किया.’’
एसपी और बीएसपी से छुटकारा पाना चाहते हैं लोग
श्रीकांत शर्मा ने दावा किया कि बीजेपी उत्तर प्रदेश में अगली सरकार बनाएगी क्योंकि लोग एसपी और बीएसपी से छुटकारा पाना चाहते हैं. दोनों ने ही अल्प विकास किया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें उनकी पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा किये गए कार्य लोगों को बताने चाहिए. मोदी सरकार जब 2019 के चुनाव में जाएगी तो अपने कार्यों का हिसाब देगी.’’
मायावती ने मोदी पर उनकी ‘फकीर’ टिप्पणी को लेकर निशाना साधते हुए कहा था कि उनके नोटबंदी निर्णय ने उन्हें छोड़कर देश के बहुसंख्यक लोगों को कंगाल कर दिया है. इससे चुनाव में बीजेपी चौथे नम्बर पर आएगी. बीजेपी पर हिंदुत्व की राजनीति करने के मायावती के आरोप को भी गलत बताया.
जनता को ‘फकीर’ बनाने वाली बीजेपी को चुनाव में चौथे नम्बर पर पहुंचाएं: मायावती
इससे पहले बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने मंगलवार को जनता से आहवान किया कि नोटबंदी के बाद अवाम को ‘फकीर’ बनाने वाली बीजेपी को उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में करारी शिकस्त देकर ‘चौथे नम्बर’ पर लाना होगा.
मायावती ने कहा कि अपने एक चौथाई चुनावी वादे भी नहीं पूरे करने वाली केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा राजनीतिक स्वार्थ के लिये उठाये गये नोटबंदी के इस ‘अपरिपक्व’ कदम से देश की लगभग 90 प्रतिशत जनता फकीर और कंगाल बनती जा रही है.
उन्होंने कहा कि मोदी को उनके राजनीतिक स्वार्थ की सजा उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में होने वाले चुनाव में मिलेगी. आप इरादा करें कि बीजेपी को चुनाव में सबसे पीछे चौथे नम्बर पर पहुंचाना है. उसे सबक मिलना चाहिये कि जनता को परेशान करने का अंजाम कैसा होता है.
बीजेपी अंबेडकर और संविधान विरोधी: मायावती
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को अंबेडकर और संविधान विरोधी करार दिया. मायावती ने कहा, “विरोधी पार्टियां बाबा साहब को लेकर भ्रम फैलाती हैं. ये पार्टियां दलितों और पिछड़ों के बीच फर्क पैदा करती हैं. बीएसपी के शासन में ही लोगों को हक मिला है.”
मायावती ने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, “इन लोगों को संविधान पसंद नहीं है. ये लोग इसे बदलना चाहते हैं, आप लोगों को इनसे सावधान रहने की जरूरत है. अंबेडकर ने संविधान में सभी धर्म और जातियों को बराबर सम्मान दिया, लेकिन बीजेपी और आरएसएस देश पर हिंदुत्व का एजेंडा थोपना चाह रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि मुसलमान यदि आज वह पूरे देश में सुरक्षित हैं तो बाबा साहेब की वजह से. उत्तर प्रदेश की ‘मास्टर की’ जब दलितों के हाथ में आई, उसके बाद ही दलितों व पिछड़ांे के उत्थान का काम हुआ, जबकि कांग्रेस और बीजेपी कभी भी ऐसा नहीं चाहती थी.
परिनिर्वाण दिवस पर ही अयोध्या में विवादित ढांचे को ढहाया
मायावती ने कहा, “बीजेपी ने आरक्षण के विरोध में वीपी सिंह की सरकार से समर्थन वापस लेकर सरकार गिरा दी थी. इससे साबित होता है कि बीजेपी दलित, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विरोधी है. बीजेपी के लोग बाबा साहब को मान- सम्मान नहीं देना चाहते, इसीलिए छह दिसंबर यानी उनके परिनिर्वाण दिवस पर ही अयोध्या में विवादित ढांचे को ढहा दिया.”
बीएसपी प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद तो फकीर नहीं हैं, लेकिन देश की 90 फीसदी जनता को फकीर जरूर बना दिया है. नोटबंदी का फैसला बिना तैयारी के लिया गया. देश की जनता आज अपने ही पैसे पाने के लिए तरस रही है, जान गंवा रही है.
मायावती ने कहा कि बीजेपी ने अपने चहेते पूंजीपतियों का कालाधन पहले ही ठिकाने लगा दिया था. अब लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए बैंक खातों की डिटेल मांगी है. मोदी ने ओबीसी वर्ग का हक मारने के साथ-साथ उनके साथ छलावा भी किया है. उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि आजादी के बाद से कांग्रेस ने कभी भी दलितों के आरक्षण का कोटा पूरा नहीं किया. दलितों को पदोन्नति में आरक्षण देने के मुद्दे को भी कांग्रेस ने दबाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन बीएसपी लगातार संसद में कांग्रेस पर दबाव डालती रही.
मायावती ने अखिलेश को फिर कहा, ‘बबुआ’
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इन दिनों बीएसपी सरकार द्वारा बनवाये गये स्मारकों को लेकर तल्ख टिप्पणी कर रहे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए उन्हें एक बार फिर ‘बबुआ’ बताया और कहा कि वह अपने बयानों में हाथियों की बात करके बीएसपी के चुनाव चिहन का मुफ्त में प्रचार कर रहे हैं.
मायावती ने कहा कि मौजूदा राज्य सरकार के मुखिया पूर्ववर्ती बीएसपी सरकार द्वारा स्थापित स्मारकों के निर्माण को फिजूलखर्ची बताते हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि इस किस्म की सोच रखने वाला यह बबुआ आगे चलकर पूरे देश में स्थापित मूर्तियों के बारे में ऐसी बातें कर सकता है. मायावती ने कहा कि एसपी सरकार द्वारा केवल परिवार के मनोरंजन के लिये अपने गृह जनपद में सैफई महोत्सव मनाने पर गरीब जनता का करोड़ों रपया बहा दिया जाता है, दरअसल यही फिजूलखर्ची होती है.
BSP के चुनाव चिन्ह हाथी का मुफ्त में हो रहा है खूब प्रचार
बीएसपी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘एसपी सरकार का मुखिया अपने हर छोटे से छोटे कार्यक्रम में स्मारकों और पार्कों में हाथियों की बात करना कभी नहीं भूलता है. हो सकता है कि यह हाथी उसे सपने में परेशान करते हों. अच्छी बात यह है कि इससे रोजाना हमारी पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी का मुफ्त में खूब प्रचार हो रहा है. अब वैसे भी प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक आने की वजह से पार्टी के चुनाव चिहन के प्रचार की हमें काफी जरूरत भी थी, जो मुफ्त में पूरी हो रही है.’’
उन्होंने कहा कि एसपी सरकार के मुखिया छह दिसम्बर को पुण्यतिथि की छुट्टी कभी रद्द कर देते हैं तो कभी बहाल कर देते. ऐसे रवैये से यह स्पष्ट है कि एसपी सरकार का मुखिया वास्तव में ही ‘बबुआ’ है.
फैसले के लिए पूर्ण बहुमत की सरकार
मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने कभी बाबा साहेब को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया, कांग्रेस के सत्ता में रहते ही मंडल आयोग की सिफारिशें भी रद्द करनी पड़ी थीं. प्रदेश की समाजवादी पार्टी (एसपी) सरकार पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा, “जब हम सत्ता में आएंगे, तब अखिलेश सरकार के सभी बड़े आर्थिक फैसलों की जांच कराएंगे, दोषी अधिकारियों और नेताओं को जेल भेजा जाएगा. इस फैसले के लिए हमें पूर्ण बहुमत की सरकार चाहिए.”
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने विभिन्न कार्यक्रमों में बीएसपी सरकार को ‘पत्थर वाली सरकार’ बताते हुए अक्सर यह कहते हैं कि मायावती ने स्मारकों में ऐसे हाथी लगवाये जो बैठे थे, वे बैठे ही हैं और जो खड़े थे, वे खड़े ही हैं.