बॉलीवुड के मशहूर संगीतकार राजेश रोशन अपने संगीत से लगभग तीन दशक से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं. लेकिन वह संगीतकार नहीं बनकर सरकारी नौकरी करना चाहते थे.
आज उनका जन्मदिन है और आज 64 वां जन्मदिन मनाने वाले हैं. राजेश रोशन का जन्म 24 मई 1955 को मुंबई में हुआ था और जाने मानें संगीतकार हैं. आज उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बाते जिन्हें आज हम बताने जा रहे हैं.
सत्तर के दशक में राजेश रोशन संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारे लाल के सहायक के तौर पर काम करने लगे. उन्होंने लगभग पांच वर्ष तक उनके साथ काम किया. राजेश रोशन ने संगीतकार के रूप में अपने सिने करियर की शुरूआत महमूद की 1974 में प्रदर्शित फिल्म ‘कुंवारा बाप’ से की लेकिन कमजोर पटकथा के कारण फिल्म टिकट खिडक़ी पर बुरी तरह पिट गई. राजेश रोशन की किस्मत का सितारा 1975 में प्रदर्शित फिल्म ‘जूली’ चमका. इस फिल्म में उनके संगीतबद्ध गीत ‘दिल क्या करे जब किसी को किसी से प्यार हो जाये’, ‘माई हार्ट इज बीटिंग’, ‘ये रातें नई पुरानी’ और ‘जूली आई लव यू’ जैसे गीत श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुये.चार वर्ष तक मुंबई में संघर्ष करने के बाद राजेश रोशन को 1979 में अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म ‘मिस्टर नटवर लाल’ में संगीत देने का मौका मिला. इस फिल्म में उनका संगीतबद्ध गीत ‘परदेसिया ये सच है पिया ‘उन दिनों श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ.
‘मिस्टर नटवर लाल’ राजेश रोशन के साथ ही सुपर स्टार अमिताभ बच्चन के सिने करियर के लिए भी महत्वूपूर्ण फिल्म साबित हुई. राजेश रोशन ही थे जिन्होंने अमिताभ बच्चन की गायकी पर भरोसा जताते हुए उनसे फिल्म में ‘मेरे पास आओ मेरे दोस्तो, एक किस्सा सुनाऊं’ गीत गाने की पेशकश की. राजेश रोशन अब तक सर्वश्रेष्ठ संगीतकार के रूप में दो बार ‘फिल्मफेयर पुरस्कार’ से सम्मानित किये जा चुके है. वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म ‘जूली’ के लिये सबसे पहले उन्हें ‘सर्वश्रेष्ठ संगीतकार’ का ‘फिल्मफेयर पुरस्कार’ दिया गया था. इसके बाद 2000 में प्रदर्शित फिल्म ‘कहो ना प्यार है’ के लिये भी उन्हें ‘सर्वश्रेष्ठ संगीतकार’ का ‘फिल्मफेयर पुरस्कार’ मिला. वह लगभग 125 फिल्मों के लिए संगीत निर्देशन कर चुके है. राजेश रौशन अब फिल्म निर्माण भी कर रहे है.