बीसीसीआई ने युवराज सिंह के संन्यास वापस आने और घरेलू क्रिकेट खेलने की अर्जी खारिज़ कर दी. इस बारे में पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन ने बीसीसीआई को पत्र लिखा था. इसमें कहा गया था कि युवराज को राज्य की ओर से खेलने की अनुमति दी जाए जिससे कि युवा खिलाड़ियों का मार्गदर्शन हो सके. अब इस मामले में युवराज के पिता योगराज सिंह का बयान आया है. उनका कहना है कि बीसीसीआई को रिटायर खिलाड़ियों को वापसी के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए. युवाओं के पास उनसे सीखने के लिए काफी कुछ होता है.

योगराज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि युवराज अभी भी खिलाड़ियों को गाइड करता है और रोज प्रैक्टिस करता है. ऐसे में खिलाड़ियों का भारतीय क्रिकेट में योगदान देना जरूरी होता है. यदि वह आने वाले सालों में देश के लिए चार-पांच खिलाड़ी तैयार कर सके तो यह अच्छी बात होगी. योगराज ने कहा कि अगर कोई खिलाड़ी देश के लिए कुछ योगदान देता है तो वह खेलने से भी ज्यादा बड़ी बात है.
इससे पहले युवराज ने संन्यास से वापस आने और घरेलू क्रिकेट में खेलने की इच्छा जताई थी. बाद में उन्हें सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट के लिए पंजाब के 30 संभावितों में भी शामिल किया गया था. लेकिन बीसीसीआई से मंजूरी नहीं मिलने पर मनदीप सिंह की कप्तानी में टीम का ऐलान किया गया.
युवराज ने जून 2019 में संन्यास का ऐलान किया था. लेकिन पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव पुनीत बाली के संपर्क करने के बाद उन्होंने अपने राज्य की ओर से खेलने का फैसला किया था. 39 साल के युवराज सिंह 2011 वर्ल्ड कप में भारत की जीत के नायक हैं. उनके ऑलराउंड खेल के बूते भारत ने 28 साल बाद वर्ल्ड कप जीता था.
युवराज ने भारत के लिए 304 वनडे, 40 टेस्ट और 58 टी20 मुकाबले खेले हैं. इनमें उन्होंने क्रमश: 8701, 1900 और 1177 रन बनाए. वहीं उन्होंने टेस्ट में नौ, वनडे में 111 और टी20 में 28 विकेट भी भारत की ओर से खेलते हुए लिए.
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