Army चाहती है अपना हवाई बेड़ा, PAK और चीन सीमा के लिए मांगे 39 अपाचे हेलिकॉप्टर

भारतीय सेना अमेरिका से 39 अपाचे हेलिकॉप्टर की खरीदने की मांग रक्षा मंत्री अरुण जेटली के साथ होने वाली बैठक में रखेगी. अपाचे हेलिकॉप्टर की 39 यूनिट की खरीददारी का कुल खर्चा लगभग 12 हजार करोड़ रुपये तक आ सकता है. दरअसल आर्मी के उच्च स्तरीय सूत्रों ने मेल टुडे अखबार को बताया कि पाकिस्तान और चीन की सीमाओं में अपनी फायर पावर बढ़ाने के लिए अपाचे हेलीकॉप्टर की जरूरत है. सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक वायुसेना ने हाल ही में 22 हेलिकॉप्टर की खरीदारी का कॉन्ट्रेक्ट तैयार कर लिया है. हालांकि इन हेलिकॉप्टर का कंट्रोल किसके पास हो, इसे लेकर एयरफोर्स और थलसेना के बीच खींचतान जारी है.

Army चाहती है अपना हवाई बेड़ा, PAK और चीन सीमा के लिए मांगे 39 अपाचे हेलिकॉप्टर

हर मौसम में दिन रात सक्रिय रहता है अपाचे हेलीकॉप्टर

सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इन हेलिकॉप्टर को तीन स्क्वॉड्रन में बांटा जाएगा. हर एक स्क्वॉड्रन में 10 हेलिकॉप्टर होंगे, जिन्हें पाकिस्तान और चीन की बॉर्डर पर तैनात किया जाएगा. भारतीय सेना फॉरन मिलिट्री सेल्स के जरिये अमेरिका से अपाचे हेलिकॉप्टर खरीदना चाहती है. इन हेलिकॉप्टरों को दुनिया का सबसे घातक हेलिकॉप्टर बताया जाता है. ये सभी मौसमों में दिन रात सक्रिय रहने की क्षमता वाले ये स्टील्थ हेलीकॉप्टर कहे जाते हैं. यानी दुश्मन देश की सीमा के अंदर उड़ान के दौरान उनकी निगाह इन पर नहीं जा सकेगी. युद्ध का पासा पलटने की क्षमता वाले इन हेलीकॉप्टरों में लेजर और इन्फ्रारेड सिस्टम्स के अलावा अत्याधिक घातक हेलफायर मिसाइल लगे होते हैं.

सेना का मानना है कि युद्ध के दौरान वायुसेना के मुकाबले थलसेना के अपने फ्लाइंग ऑफिसर उनकी मदद में ज्यादा कारगर साबित होंगे. दरअसल थलसेना के ऑफिसर जमीन में होने वाले युद्ध को ज्यादा बेहतर तरीके से समझते हैं. वहीं, एक आर्मी ऑफिसर के मुताबिक, वायुसेना इन हेलीकॉप्टरों को सेना के साथ शेयर नहीं करना चाहती हैं. आर्मी ऑफिसर के मुताबिक, हमने वायुसेना से 22 अपाचे हेलिकॉप्टर थलसेना को देने की मांग रखी थी, लेकिन उन्होंने इसे मानने से इनकार कर दिया. इसके अलावा 50-50 शेयरिंग पर भी वायुसेना तैयार नहीं है.

 सेना को है अपाचे हेलीकॉप्टर की जरूरत

साल 2012 में तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलहाकार शिवशंकर मेनन के फैसले के मुताबिक आगे के सभी लड़ाकू विमानों की खरीददारी केवल थलसेना के लिए होगी. हालांकि, वायुसेना का मानना है कि अपाचे की खरीददारी की प्रोसेस साल 2012 से पहले शुरू हो गई थी. रूसी Mi-25 और Mi-35 के दो स्क्वॉड्रन का संचालन पहले से ही वायुसेना के पास है. वहीं, डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) की स्टडी के मुताबिक आर्मी को इस वक्त अपाचे हेलीकॉप्टर के तीन स्क्वॉड्रन की जरूरत है. हर स्क्वॉड्रन में कम से कम तीन हेलीकॉप्टर होने चाहिए. वहीं, हर स्क्वॉड्रन में तीन हेलीकॉप्टर रिजर्व में होने चाहिए.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com