एजेंसी/ चेन्नई : तमिलनाडु में राजनीतिक समीकरण बदलने के आसार दिख रहे है। बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए आने वाले समय में और अधिक ताकतवर और मजबूत हो सकता है। कहा जा रहा है कि जयललिता की पार्टी एआईडीएमके सतारुढ़ गठबंधन से जुड़कर सरकार को बाहरी समर्थन देगी। हांला कि अब तक इस पर औपचारिक रुप से कुछ भी सामने नहीं आया है, लेकिन बीजेपी इससे इंकार भी नहीं कर रही है।
लोकसभा में एआईडीएमके के 39 और राज्यसभा में 12 सदस्य है। जयललिता जल्द ही दिल्ली आकर खुद पीएम से मुलाकात करने वाली है। उनके दौरे के बाद यह साफ हो जाएगा कि पार्टी एनडीए को समर्थन देगी या नहीं। एक चीज इस मामले में पहले से ही साफ है कि पार्टी सीधे तौर पर एनडीए के साथ नहीं जुड़ेगी।
एआईडीएमके का कांग्रेस और लेफ्ट को छोड़कर एनडीए से जुड़ने का कारण यह भी है कि एनडीए ने की बार जयललिता की पार्टी की मदद की है। पांच वर्ष पूर्व जब जयललिता ने सीएम पद का शपथ ग्रहण किया था, तब भी उन्होने पीएम नरेंद्र मोदी को न्योता दिया था। उस समय में कोई भी पार्टी उनका समर्थन करने को तैयार नही थी।
मोदी ने भी एाईडीएमके के करीबी एम तंबीदुरई को डिप्टी लोकसभा का स्पीकर बनाया। जानकारों का कहना है कि दोनों पार्टियों का एक-दूसरे को समर्थन देने के कई कारण है। जिसमें अपनी चुनावी वादों को पूरा करने के लिए जयललिता को फंड की दरकरार होगी। इसके साथ ही डीएमके और कांग्रएस जैसे विपक्षियों को जवाब देने के लिए।