बीते कुछ महीनों ने एआई ने काफी तरक्की कर ली है। इसके साथ ही सरकार भी इसको लेकर काफी एक्टिव नजर आई है। हाल ही में आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के लिए एक ड्राफ्ट रेगुलेशन फ्रेमवर्क पर काम कर रही है।
सरकार इस साल जून-जुलाई तक इसका अनावरण करने का प्लान कर रही है। ये बात ऐसे समय में आई है जब डीपफेक में बढ़ोतरी और इससे जुड़े नुकसान को लेकर विश्व स्तर पर चिंताएं जाहिए की जा रही है। मुंबई में नैसकॉम टेक्नोलॉजी एंड लीडरशिप फोरम (एनटीएलएफ) 2024 को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि भारत ने इस ड्राफ्ट पेपर को बनाने में नेतृत्व करने का ऑफर दिया है।
ड्राफ्ट पर होगी चर्चा
आईटी मंत्री ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस साल जून-जुलाई से पहले एक ड्राफ्ट फ्रेमवर्क पर चर्चा और बहस होगी, और एक मिड इयर GPAI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक भागीदारी) सबमिट होगा।
इसमें अधिकांश देश और विशेष रूप से ग्लोबल साउथ देश भी भाग लेते है। इन्हे आम तौर पर तकनीक के भविष्य के बारे में किसी भी बहस से बाहर रखा जाता है।
तीन फोकस बिंदु पर होगा ध्यान
चंद्रशेखर ने यह भी बताया कि सरकार तीन फोकस बिंदु पर ध्यान देगा। एआई विनियमन का उद्देश्य आर्थिक विकास के लिए एआई का उपयोग करना है। इन नियमों के साथ, सरकार संभावित जोखिमों और नुकसानों को भी संबोधित करना चाहती है।
इसके साथ ही उन्होंने में बताया कि हम एआई की क्षमता को पूरी तरह से महसूस करेंगे, लेकिन दुरुपयोग को रोकने के लिए रेलिंग भी इंस्टॉल करेंगे। आईटी मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का मानना है कि भारत में मजबूत प्रतिभा होने से भारत को वैश्विक स्तर पर लाभ मिलेगा।