खैरा ने कहा कि एक तरफ वे बातचीत कर एकजुट होने के दावे कर रहे हैं। दूसरी तरफ हमें विश्वास में लिए बगैर ही पांच उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। इससे साफ है कि उनकी नीयत ठीक नहीं है। हमने तय किया था कि एकजुटता होगी तो एडहॉक पीएसी भंग करके मिल कर काम करेंगे। लेकिन उन्होंने बातचीत के रास्ते ही बंद कर दिए।
खैरा ने दावा किया कि उनके गुट को विश्वास में लिए बगैर अगर लोकसभा चुनाव लड़ा गया तो भगवंत मान समेत सभी उम्मीदवारों की जमानतें जब्त हो जाएंगी। अब वॉलंटियर जागरूक हो चुके हैं, अगर दोनों गुट इकट्ठे होकर नहीं लड़े तो हार तय है। उनके गुट पर सरबजीत कौर माणुके द्वारा लगाए आरोपों को खैरा ने गलत बताया।
उन्होंने कहा कि दोनों गुटों की कमेटियों के बीच बातचीत ने कंवर संधू ने सिर्फ एक शर्त रखी थी कि बठिंडा कन्वेंशन में पास किए गए प्रस्तावों पर अमल किया जाए। लेकिन गलत आरोप लगाए जा रहे हैं कि हम प्रधान या नेता प्रतिपक्ष पद मांग रहे हैं। खैरा ने चेतावनी दी कि अगर आठ नवंबर तक दिल्ली नेतृत्व ने कुछ न किया तो वह अपना फैसला लेंगे।