आम आदमी पार्टी के विधायकों की अपनी सदस्यता रद्द करने के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट 23 मार्च को अपना फैसला सुनाएगा. 28 फरवरी को चुनाव आयोग और विधायकों ने इस मामले में अपनी बहस पूरी की थी और जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस चंद्रशेखर की बेंच ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.विधायकों की दलील है कि कथित लाभ के पद को लेकर उन्हें अयोग्य घोषित करने का चुनाव आयोग का फैसला गैरकानूनी है. आयोग ने उन्हें उनका पक्ष रखने का मौका नहीं दिया, जबकि चुनाव आयोग की दलीलें थीं कि उन्होंने विधायकों को अपना पक्ष रखने का पर्याप्त समय दिया.
24 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने संबंधी केंद्र सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. 19 फरवरी को आयोग ने राष्ट्रपति को विधायकों को आयोग्य घोषित करने की सिफारिश भेजी थी जिस पर राष्ट्रपति ने अपनी मोहर लगा दी थी.
20 अयोग्य ‘आप’ विधायकों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट से आने वाला फैसला बेहद महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इसी से तय होगा कि दिल्ली में उपचुनाव होंगे या नहीं. यही फैसला तय करेगा कि 20 अयोग्य विधायकों को कोर्ट से कोई राहत मिलेगी या नहीं.