अमेरिका के पर्ड्यू विश्वविद्यालय के लापता भारतीय छात्र की मौत की पुष्टि हुई है। नील आचार्य 28 जनवरी से लापता था और उसका शव पर्ड्यू विश्वविद्यालय के परिसर में पाया गया। दरअसल रविवार को मृत छात्र की मां गौरी आचार्य ने X पर एक पोस्ट कर अपने बेटे को ढूंढने की अपील की थी। टिप्पेकेनो काउंटी कोरोनर कार्यालय के अनुसार आज सुबह 11 बजे अधिकारियों ने शव की पहचान की।
रविवार से लापता पर्ड्यू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले एक भारतीय छात्र की मौत हो गई है। टिप्पेकेनो काउंटी कोरोनर कार्यालय के अनुसार, सुबह 11 बजे अधिकारियों ने पर्ड्यू के परिसर में एक शव की पहचान की। मृतक छात्र की पहचान नील आचार्य के रूप में की गई है।
दरअसल, रविवार को मृत छात्र की मां गौरी आचार्य ने सोशल मीडिया X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट कर अपने बेटे को ढूंढने की अपील की थी। उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘हमारा बेटा नील आचार्य कल 28 जनवरी दोपहर 12:30 से लापता है और वह अमेरिका में पर्ड्यू विश्वविद्यालय में पढ़ रहा है। उसे आखिरी बार उबर ड्राइवर ने देखा था जिसने नील को पर्ड्यू विश्वविद्यालय छोड़ा था। हम उसके बारे में कोई भी जानकारी ढूंढ रहे हैं। अगर आप कुछ जानते हैं तो कृपया हमारी मदद करें।’
नील की मां ने की थी अपील
शिकागो में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने एक्स पर उनके पोस्ट का जवाब देते हुए कहा, ‘वाणिज्य दूतावास पर्ड्यू विश्वविद्यालय के अधिकारियों और नील के परिवार के साथ भी संपर्क में है। वाणिज्य दूतावास हर संभव समर्थन और मदद देगा।’ विश्वविद्यालय से स्वतंत्र एक मल्टीमीडिया एजेंसी, पर्ड्यू एक्सपोनेंट के अनुसार, सोमवार को अंतरिम सीएस प्रमुख क्रिस क्लिफ्टन ने छात्रों और शिक्षकों को नील आचार्य की मृत्यु की पुष्टि की।
भारतीय छात्र पर हथौड़े से किया वार
इस हफ्ते की शुरुआत में, अमेरिका के जॉर्जिया के लिथोनिया में एक स्टोर के अंदर एक बेघर व्यक्ति ने हथौड़े से बार-बार वार करके एक और भारतीय छात्र की बेरहमी से हत्या कर दी थी। घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, लेकिन घटना की तारीख की पुष्टि नहीं की जा सकी।
विवेक सैनी पर हमला करते हुए देखा गया व्यक्ति कथित तौर पर एक बेघर व्यक्ति है। मामले से परिचित एक व्यक्ति ने एएनआई को बताया कि पुलिस अधिकारियों ने कार्रवाई की और तुरंत गिरफ्तारियां की गईं। एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय नागरिक होने के नाते पीड़ित का शव 24 जनवरी को भारत में विवेक के परिवार को वापस भेज दिया गया।