पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या काफी अधिक है जो कोविड-19 वैक्सीन से इनकार कर रहीं हैं। लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि वे वैक्सीन लेंगी यदि यह उनके परिवार, मित्र व अन्य समूहों की बात होगी। यह शोध दो देशों के 8 हजार लोगों पर किया गया।

गुरुवार को आए शोध के परिणामों के अनुसार, गलत जानकारियों से वैक्सीन के प्रति लोगों में अविश्वास बढ़ गया है। ऐसी अफवाहें फैली हैं कि अमेरिका और ब्रिटेन में जो कोविड-19 वैक्सीन लगाई गई हैं वो समुदाय की रक्षा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। सोशल मीडिया के इस दौर में वैक्सीन से जुड़ी अफवाहें और फर्जी खबरें भी खूब सामने आ रही हैं।
शोध के अनुसार, कुछ लोग तो इस वैक्सीन को लेंगे लेकिन यह आंकड़ा पहले वैज्ञानिकों द्वारा सुनिश्चित किए गए आंकड़ों जितना नहीं होगा। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसीन के प्रोफेसर हाइदी लार्सन (Heidi Larson) ने कहा, ‘वैक्सीन तभी काम करता है जब लोग इसे लेंगे। गलत जानकारी और भ्रांतियां लोगों में संदेह पैदा कर रही और वे कोविड वैक्सीन के साथ-साथ जिन प्लेटफार्म पर इन्हें विकसित किया जा रहा है उसे लेकर आश्वस्त नहीं हो पा रहे हैं।
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