एजेंसी/ इस्लामाबाद : पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने भारत पर बातचीत से मुकरने का आरोप लगाया है। हुसैन का कहना है कि पाकिस्तान ने पठानकोट हमले की के लिए संयुक्त जांच का प्रस्ताव रखा था, जिसे भारत ने ही रद्द कर दिया। पाक राष्ट्रपति ने कहा कि कश्मीर का मसला विभाजन का अधूरा एजेंडा है और क्षेत्र में तनाव का मुख्य कारण भी।
उन्होने यह भी कहा कि जब तक कश्मीर मसले का हल पाकिस्तानियों और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुकुल नहीं होगा, तब तक यह यूं ही जारी रहेगा। हुसैन वर्तमान संसद के चौथे साल की शुरुआत में संयुक्त पत्र को संबोधित करते हुए ये बातें कह रहे थे। पाक प्रेसीडेंट ने इस बात पर भी चिंता जताई कि पाक की तमाम कोशिशों के बावजूद भारत-पाक के बीच सचिव स्तर की वार्ता नहीं हो पा रही है।
हुसैन ने कहा कि पाकिस्तान शांति प्रिय देश है। सभी देशों के साथ पाकिस्तान अपनी विदेश नीति का आधार दोस्ती और भाईचारा बनाना चाहता है। पाकिस्तान किसी भी अन्य देश की तरफ आक्रामक रुख नहीं अपनाना चाहता। हुसैन ने कहा कि पाकिस्तान में लोकतंत्र मजबूत हुआ है और अब हर मुल्क की तरह पाक भी परेशानियों का सामना कर सकता है।
वर्तमान संसद के तीन साल पूरे होने पर राष्ट्रपति ने सांसदों को बधाई देते हुए कहा कि लोकतंत्र के बिना विकास को स्थिर नहीं किया जा सकता और पाकिस्तान की राजनीतिक व्यवस्था इतनी मजबूत हो गई है कि सभी तरह की परेशानियों का हल निकाला जा सके। हुसैन ने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में पाकिस्तान की काफी प्रगति हुई है और देश ने 30 जून को खत्म हो रहे वित्तीय वर्ष में 4.7 फीसदी का विकास दर हासिल किया है। उन्होने यह भी कहा कि पाकिस्तान के आर्थिक विकास के लिए चीन के साथ साझेदारी बेहद आवश्यक है।