जानिए आखिर क्यों सुनाई पड़ती है कान में घंटी की आवाज, आपका दिमाग...

जानिए आखिर क्यों सुनाई पड़ती है कान में घंटी की आवाज, आपका दिमाग…

प्रकृति हमें आने वालें दुर्घटनाओं के बारे में अपने तरीके से हमेशा सतर्क करती है … हमारे शरीर के साथ भी ऐसा ही कुछ है । शरीर भी हमें होने वाली गम्भीर बीमारियों के बारे सचेत करता है। हर बीमारी के होने से पहले कुछ लक्षण विशेष दिखाई देते हैं जो हमें खतरनाक बीमारी के बारे में आगाह करते हैं।जानिए आखिर क्यों सुनाई पड़ती है कान में घंटी की आवाज, आपका दिमाग...अभी अभी: UP में हुआ एक और बड़ा रेल हादसा, चारो तरफ मचा हाहाकार…

अगर समय रहते ही इन लक्षणों पर गौर किया जाए तो उससे हो सकने वाले रोग की पहचान कर उसका बेहतर इलाज सम्भव हो पाता है। ऐसा ही एक लक्षण है जिसे अक्सर लोग महसूस करते हैं पर उसे आम सा एहसास समझकर नजरअंदाज भी कर देते हैं.. ये ही कान में घंटी बजने का अहसास जिसे विज्ञान की भाषा में टिनिटस कहा जाता है। आइए जानते है कि क्या है टिनिटस और इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है हमारे शरीर पर.

दिमाग में अंदरूनी बदलाव का संकेत है

 

इसका संबंध दिमाग के कुछेक नेटवर्क में होने वाले बदलाव से है। इस बदलाव की वजह से दिमाग आराम की मुद्रा में कम और सतर्कता की मुद्रा में ज्यादा आ जाता है। एक शोध की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। ‘न्यूरो इमेज’ पत्रिका में छपे शोध परिणाम के अनुसार, अगर आपको बैचेन करने वाली टिनिटस है, तो आपको संभवत: ध्यान संबंधी समस्या होगी, क्योंकि आपका ध्यान जरूरत से ज्यादा आपके टिनिटस से जुड़ा होगा और अन्य बातों पर कम ध्यान होगा।

मापा नही जा सकता

 

शोधकार्य का नेतृत्व करने वाली अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफर इलिनॉयस की फातिमा हुसैन कहती हैं, “टिनिटस अदृश्य है। जिस तरह हम डायबिटीज या हाइपरटेंशन को नहीं माप सकते, उसी तरह हमारे पास उपलब्ध किसी यंत्र से इसे नहीं मापा जा सकता।”हुसैन ने कहा, “यह आवाज लगातार आपके दिमाग में रह सकती है, लेकिन कोई अन्य व्यक्ति इसे नहीं सुन सकता और शायद वह आपकी बात पर विश्वास भी न करे।

वह सोच सकता है कि यह महज आपकी कल्पना है। चिकित्सकीय रूप से हम इसके कुछ लक्षणों को ठीक कर सकते हैं, इसे पूरी तरह ठीक नहीं कर सकते, क्योंकि हम यह नहीं जानते कि यह किस वजह से होता है। वैसे तो ये सामान्य सी प्रकिया है पर टिनिटस की गंभीरता बढ़ने पर तंत्रिका तंत्र पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

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