New Delhi: आज पूरे देश में ईद-उल-जुहा मनाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईद-उल-जुहा के मौके पर देशवासियों को बधाई दी है। पीएम मोदी ने ट्विटर पर मैसेजे शेयर करते हुए लिखा ” ईद-उल-जुहा पर शुभकामनाएं, समाज में भाईचारा, सामंजस्य हमेशा बनी रही।यूपी में बंपर नौकरी: 17 विभागों में 1.68 लाख से ज्यादा पद खाली, जल्द करें आवेदन
वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी ईद-उल-जुहा के अवसर पर लोगों को बधाई दी है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘ईद-उल-जुहा के अवसर पर मैं सभी नागरिकों, खासतौर से भारत और विदेशों में रहने वाले अपने मुस्लिम भाइयों और बहनों को बधाई देता हूं।’
उन्होंने कहा, ‘आइए हम सब विश्वास, त्याग और सेवा की भावना में खुद को समर्पित कर दें, जो इस त्योहार का मूल तत्व है और अपनी खुशी उन लोगों के साथ बांटें जो जरूरतमंद हैं। मेरी यही कामना है कि यह अनूठा त्योहार हमारी मिली-जुली संस्कृति को समृद्ध करे, हमारी एकता और अखंडता को मजबूत करे तथा हम सभी को मानवता की भलाई के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित करे।’
आज पूरे देश में ईद-उल-जुहा मनाई जा रही है। हर साल दो ईद (ईद-उल-फितर और ईद-उल-जुहा) मनाई जाती है। इस्लाम धर्म में ईद के त्योहार का काफी महत्व है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक ईद-उल-जुहा 12वें महीने धू-अल-हिज्जा के दसवें दिन मनाई जाती है। बकरीद के दिन अपनी किसी प्रिय चीज की अल्लाह के लिए कुर्बानी देनी होती है। हालांकि, अभी बकरे, भैंस या ऊंट की कुर्बानी देने का रिवाज है।
बकरीद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग बकरे की कुर्बानी देते हैं। कुर्बानी के लिए बकरे को अपने घर में पाला-पोसा जाता है और उसका पूरा ख्याल रखा जाता है।जिसके बाद बकरीद के दिन उसकी कुर्बानी अल्लाह के नाम पर दी जाती है। कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। एक हिस्सा कुर्बानी करने वाले खुद के घर में रख लेते हैं और दो हिस्सें बांट देते हैं।
कुर्बानी बकरीद की नमाज पढ़ने के बाद दी जाती है। यह कुर्बानी तीन दिन तक दी जा सकती है। इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नए कपड़े पहनकर मस्जिद में नमाज पढ़ने जाते हैं। वहां नमाज पढ़कर एक दूसरे के गले लगते हैं और ईद की बधाई देते हैं। नमाज पढ़कर वापस घर लौटने के बाद बकरे की कुर्बानी दी जाती