एजेंसी/ मध्यप्रदेश/ इंदौर : क्लिनिक में घुसकर डॉक्टर के बेटे की हत्या करने वाला मेडिकल स्टोर संचालक दो महीने से वारदात को अंजाम देने की फिराक में था। इसके लिए वह एमआर बनकर क्लिनिक के आसपास रेकी करने जाता था। हत्या कर वह बाहर भागने वाला था। इसके लिए साथ में कपड़े और रुपए लेकर गया था। सोमवार को पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर 18 मई तक रिमांड पर ले लिया।
टीआई ने जानकारी देतव हुए बताया कि मेडिकल संचालक अशोक मिश्रा ने रविवार दोपहर डॉ. कैलाशचंद्र कोठारी के बेटे पंकज उर्फ मोनू की क्लिनिक में घुसकर हत्या कर दी थी। आरोपी से दो पिस्टल, 26 जिंदा कारतूस और गोलियों के 7 खोल मिले हैं। उसके पास एक बैग भी था जिसमें कपड़े और 24 हजार रुपए रखे थे। उसने बताया कि वह दो महीने से रेकी कर रहा था। उसका मेडिकल स्टोर ब्रिज के पास है। दोपहर को ब्रिज पर चढ़कर डॉक्टर के क्लिनिक में झांकता था। ग्रामीणों को पता था कि दोनों में दुश्मनी है। इसलिए क्लिनिक में मोनू की कार देखते ही रेकी करने चला जाता था। किसी को शक न हो इसके लिए पीठ पर बैग लटका लेता था। इसके लिए कई बार चौराहे के आसपास चक्कर काटता रहता था।
रविवार को भी वह एमआर जैसे कपड़े पहनकर बैग लेकर क्लिनिक में गया था। हेलमेट बाइक पर रख दिया। मुंह पर कपड़ा लपेटा और सीधे मोनू के मेडिकल स्टोर में घुसकर गोलियां चलाना शुरू कर दीं। अशोक स्कीम-134 में पत्नी कीर्ति और बेटी श्रेया के साथ रहता था। यहां भी उसे जान का खतरा था। घर के चारों तरफ जालियां लगा रखी थीं। घर के बाहर तीन सीसीटीवी कैमरे लगवा रखे थे। रहवासियों ने बताया कि पति-पत्नी कॉलोनी में किसी से भी बात नहीं करते थे। एक दिन पूर्व ही उसने परिवार को अन्य जगह भेज दिया था। सुबह अखबारों में खबर देख वारदात का पता चला।