New Delhi: यह घटना मध्य प्रदेश के रायसेन की है,जहां से तीन सगी बहनों की मौत हो गई है। शनिवार को दोपहर तीन बजे चांदना गांव के तालाब में डूबने से हो गई है। बतो दें तीनों बहनें ऋषी पंचमी पर मां के साथ नहाने गई थीं। 15 दिन पहले भी ऐसा मामला सामने आया जहां एक पत्थर खदान में डूबने से तीन बहनों की मौत हो चुकी है, जिनमें से दो सगी और एक चचेरी बहन थी।अभी-अभी: पुलवामा में हुआ आतंकी हमला, पुलिस का एक जवान शहीद, सात जवान भी जख्मी
जानकारी के मुताबिक चांदना गांव के पहाड़ी क्षेत्र में सिंचाई विभाग का तालाब है। सालेरा गांव में रहने वाली तीन सगी बहनें गिरजा बाई (15), मोहर बाई (13) और नन्ही बाई (12)अपनी मां फूलबाई के साथ नहाने के लिए गई हुई थीं। वे नहाते समय गहरे पानी में चली गईं और एक- दूसरे को बचाने के चक्कर में डूब गईं। इससे तीनों की मौत हो गई।
रहवासी बस्ती से दूरी अधिक होने से गांव के लोग भी समय पर मदद के लिए नहीं पहुंच पाए। घटना के बाद एफआरबी वाहन से तीनों बहनों को जिला अस्पताल लाया गया। वहां पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए। इस दौरान बड़ी संख्या में गांव के लोग भी जिला अस्पताल पहुंच गए थे।
हुकुमसिंह बैरागी पत्नी सहित तीन बेटियों और एक बेटे के साथ रहकर खेती और मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते थे। उनकी तीन बेटियों की एक साथ मौत हो जाने के कारण अब घर में एक मात्र बेटा ही बचा है, जो सबसे छोटा है। मृतक बहनें सालेरा गांव की रहने वाली थीं और पास ही के गांव चांदना के तालाब में डूबने से उनकी मौत हुई। इसके चलते घटना की जानकारी दोनों गांवों में फैल गई। इसके बाद दोनों ही गांव में मातम छा गया।
तालाब में डूबने से मरने वाली सालेरा गांव निवासी तीनों सगी बहनें पढ़ाई करती थीं। इनमें से सबसे बड़ी गिरजाबाई कक्षा 9 वीं, मोहर बाई 8 वीं और सबसे छोटी नन्ही बाई 7वीं में पढ़ाई कर रही थी।
जिले में सिचाई विभाग के 60 से अधिक तालाब हैं। उन क्षेत्रों में चौकीदार समय-समय पर लोगों को समझाइश देते रहते हैं। सब तालाबों में तार फेसिंग संभव नहीं है। सिंचाई के अलावा गांव के लोग इन तालाबों पर पहुंचकर जानवरों को पानी पिलाना, नहाना और दूसरे कामों में भी इनका उपयोग करते हैं। घटना दुखद है।
सालेरा गांव की तीन सगी बहनों की मौत चांदना गांव के तालाब में डूबने से हुई है। हमने मौके पर पहुंचकर शव जिला अस्पताल भिजवाए। मर्ग कायम कर जांच में लिए हैं।