New Delhi : चीन की तरफ से जंग जंग चिल्ला रहे चीनी मीडिया को उसी की सरकार ने आइना दिखाया है। चीन ने भी संकेत दिया है कि वह सैन्य ऑपरेशन के बारे में नहीं सोच रहा है। चीनी रक्षा मंत्री रेन गुओकियांग ने सोमवार को भारतीय पत्रकारों से बात करते हुए इस सिलसिले में दिए गए एक बयान से दूरी बना ली।
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सरकारी मीडिया में एक थिंक टैंक के हवाले से कहा गया था कि डोकलाम से भारतीय सैनिकों को हटाने के लिए चीन सीमित सैन्य ऑपरेशन कर सकता है। इस बारे में पूछे जाने पर गुओकियांग ने कहा कि ऐसी खबरों से मीडिया और थिंक टैंक के विचारों का पता चलता है। हमारा आधिकारिक पक्ष जानने के लिए विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के बयानों को देखें। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गतिरोध खत्म करने के लिए भारत को बिना शर्त अपनी सेना बुला लेना चाहिए।
दोनों देशों के बीच जारी तनातनी के बीच चीन ने कुछ भारतीय पत्रकारों को अपने यहां आमंत्रित किया है। चीनी रक्षा मंत्रालय ने भारतीय पत्रकारों के सामने नरम रुख अपनाया, तो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के एक वरिष्ठ अधिकारी धमकी देने से बाज नहीं आए। सीनियर कर्नल ली ने कहा कि भारत जंग से बचना चाहता है, तो उसे डोकलाम से फौरन अपने सैनिक वापस बुला लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की यह कार्रवाई चीन के इलाके में घुसपैठ है। मैं भी एक सैनिक हूं। आपको यह खबर रिपोर्ट करनी चाहिए कि इस वक्त चीनी सैनिक क्या सोच रहे हैं। हम अपने इलाके की सुरक्षा के लिए कदम जरूर उठाएंगे। उल्लेखनीय है कि डोकलाम में भारत और चीन के सैनिक एक महीने से आमने-सामने हैं। भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि चीनी सेना के पीछे हटने तक वह भी अपने सैनिक नहीं हटाएगा।
चाइना डेली ने भी सोमवार को एक लेख प्रकाशित किया। इसमें कहा कि भारत के सैनिकों ने घुसपैठ की है और चीन को अपनी सीमा सुरक्षित रखने का पूरा अधिकार है। लेख में आगे कहा गया है, ‘पड़ोसियों के बीच गलतफहमियां हो सकती हैं। लेकिन, भारत को भड़काऊ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। भारत को याद रखना चाहिए कि जो भी हमारे इलाके पर कब्जे की कोशिश करेगा, हम उसे हराने का दम रखते हैं।’
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