सूबे की नई गठबंधन सरकार में शामिल पूर्व विपक्षी दल ने विपक्ष में रहकर प्रदेश में बेहतर शिक्षा के लिए सरकार को अक्सर घेरने का काम किया है। शिक्षा की बदतर स्थिति का ताजा मामला हरलाखी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय का है।
दरअसल, पूर्व की सरकार पर शिक्षा बदत्तर बनाने का आरोप लगाने और पूर्व विपक्षी दल के नई सरकार में शामिल होने बावजूद शिक्षा व्यवस्था जस की तस है।
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हरलाखी प्रखंड में खराब शिक्षा व्यवस्था का एक नमूना दिन के एक बजे प्राथमिक विद्यालय कान्हारपट्टी में दिखा। एक तरफ स्कूल परिसर में बच्चे थाली लेकर इधर उधर घूमते नजर आए तो दूसरी तरफ विद्यालय के प्राचार्य धर्मवीर नारायण और सहायक शिक्षक अंजनी कुमार कार्यालय में गहरी नींद में सोते पाए गए।.jpg)
आवाज लगाने के बाद जगे धर्मवीर नारायण और अंजनी कुमार ने सफाई देते हुए थोड़ी आंख लग जाने की बात कही। प्राचार्य ने नामांकित 115 में 80 बच्चों की उपस्थिति की जानकारी दी, लेकिन वास्तविक संख्या लगभग 50 ही पाई गई।
बच्चों और अभिभावकों ने बताया कि इस विद्यालय में शिक्षक मनमाने तरीके से काम करते है। मिड डे मिल भी कभी कभार ही बनता है। शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती है।
इस संबंध में पूछे जाने पर प्राचार्य धर्मवीर नारायण ने बताया कि हम समय से और विधिवत विद्यालय का संचालन करते हैं। आज थोड़ी आंख लग गई थी इसीलिए सो गए।
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