एजेंसी/ श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की राज्य सरकार ने राज्य में सैनिक काॅलोनी के निर्माण की बात से किनारा कर लिया है। सरकार ने इस बात को नकार दिया है। मगर नेशनल काॅन्फ्रेंस से इसे सरकार की वादा खिलाफी बताया है और कहा है कि सरकार अपनी बात से पलट रही है। नेशनल काॅन्फ्रेंस के कार्यवाहक अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर लिखा और वह काॅपी भी दर्शाई जिसमें 350 कोलोनियों के आवंटन का आदेश दिया गया है। इस मामले में उन्होंने राज्य के गृह विभाग के प्रस्ताव की काॅपी दिखाई जिसमें श्रीनगर में पूर्व सैनिकों के लिए सैनिक काॅलोनी स्थापित करने के लिए कहा गया।
उन्होंने काॅलोनी के निर्माण के लिए जमीन तय करने की बात भी कही। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में बैठक की गई। यह बैठक जम्मू में 11 अप्रैल को हुई थी। जिसमें काॅलोनी के लिए भूमि का आवंटन किए जाने की बात शामिल थी। उमर अब्दुल्ला द्वारा ट्विट किया गया कि दरअसल मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ही गृह विभाग संभाल रही हैं और गृह विभाग ने इस मामले में संशोधित प्रस्ताव भेजा है।
मगर इसके बाद भी काॅलोनी के निर्माण के प्रस्ताव से मुकरना स्पष्ट करता है कि आखिर झूठ कौन बोल रहा है। अलगाववादियों ने सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कहा है कि राज्य में बाहरी लोगों को बसाने का प्रयास किया जा रहा है। मुस्लिम बाहुल्य राज्य की डेमीग्राफी में परिवर्तन आने की बात भी उन्होंने कही। राज्य सरकार ने अपना जवाब दिया और कहा कि राज्य सरकार सैनिक काॅलोनी के नाम पर किसी जमीन का आवंटन नहीं किया है और न ही सरकार की इस तरह की मंशा है। उनका कहना था कि सैनिक काॅलोनी के कारण राज्य में शांति भंग होने की संभावना है।