तीन दशकों से ज्यादा के फिल्मी करियर में सुनील शेट्टी ने न सिर्फ एक वर्सेटाइल एक्टर के तौर पर बल्कि एक मजबूत सिद्धांतों वाले इंसान के तौर पर भी अपनी पहचान बनाई है। हाल ही में उन्होंने अपने बारे में एक खुलासा किया कि उन्होंने अपने इन्हीं सिद्धांतों पर चलते हुए तम्बाकू के विज्ञापन का ऑफर ठुकरा दिया था। जिसके लिए उन्हें 40 करोड़ मिलने वाले थे।
क्यों ठुकराया सुनील ने ये विज्ञापन
एक्टर ने इस ऑफर को ठुकराने के पीछे की वजह अपने बच्चों को बताया। एक्टर ने कहा कि उन्होंने अपने बच्चों – अहान और अथिया के लिए एक अच्छा उदाहरण पेश करने के लिए तंबाकू प्रोडक्ट को एंडोर्स करने का 40 करोड़ रुपये का ऑफर ठुकरा दिया था। अपने फैसले के बारे में बताते हुए, सुनील ने शेयर किया कि कैसे उनके पर्सनल सिद्धांत बहुत मजबूत हैं जो वह अपनी प्रोफेशनल लाइफ में भी फॉलो करते हैं।
एक इंटरव्यू में, सुनील ने बताया कि उन्होंने जानबूझकर फैसला किया था कि वे कभी भी तंबाकू प्रोडक्ट्स को एंडोर्स नहीं करेंगे। एक्टर ने कहा, ‘मुझे एक तंबाकू एड के लिए 40 करोड़ रुपये का ऑफर मिला था। मैंने उसकी तरफ देखा और कहा, ‘क्या तुम्हें लगता है कि मैं पैसों के लिए ऐसा करूंगा? मैं नहीं करूंगा।’ शायद मुझे उन पैसों की जरूरत थी, लेकिन नहीं, मैं ऐसा नहीं करूंगा’।
पिता को किया याद
उन्होंने आगे कहा, ‘यह कुछ ऐसा है जिस पर मुझे विश्वास नहीं है। मैं ऐसा कुछ भी नहीं करूंगा जिससे अहान और अथिया पर कोई दाग लगे। अब कोई भी मेरे पास ऐसे ऑफर लेकर आने की हिम्मत नहीं करता’। सुनील शेट्टी ने 2017 में अपने पिता वीरप्पा शेट्टी की मौत के बारे में भी बात की, जिसके बाद उन्होंने एक्टिंग से ब्रेक ले लिया था। उन्होंने कहा, ‘2017 में गुजरने से पहले, पिताजी 2014 से बीमार थे और मैं उनकी देखभाल कर रहा था। मैं सही मानसिक स्थिति में नहीं था। मैंने पूरी तरह से काम छोड़ दिया था। और फिर उनका निधन हो गया।
एक्टर ने 6-7 साल बाद वापसी की, उन्होंने बताया, ‘मेरे पिता की मौत की सुबह, मुझे एक हेल्थ शो करने का ऑफर मिला। मैंने इसे एक संकेत समझा और फिर मैं एक्टिंग में वापस आ गया और कुछ साउथ फिल्में कीं। जब आप 6-7 साल का गैप लेते हैं, तो आपको लगता है कि आप अपनी कला को नहीं जानते, कि चीजें बदल गई हैं, और कोई आपको नहीं जानता, सब नए हैं, इसलिए मैं सहज नहीं था’।
महामारी के बाद हुआ ट्रांसफॉर्मेंशन
सुनील शेट्टी ने महामारी के बाद अपने ट्रांसफॉर्मेशन के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, ‘महामारी के बाद मैंने खुद को अलग तरह से देखना शुरू किया। मैंने खुद को बनाया, मैंने ट्रेनिंग, पढ़ना और बहुत सी दूसरी चीजें करना शुरू किया। फिर मुझे खुद पर इतना भरोसा हो गया कि मुझे लगा कि मुझे किसी से वैलिडेशन की जरूरत नहीं है’।
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