आतंकी संगठन अल-कायदा अफगानिस्तान को आधार बनाकर भारत में कट्टर इस्लामी शासन व्यवस्था लागू करने के मंसूबे बना रहा है। इस सिलसिले में अल-कायदा ने अफगानिस्तान में डिजिटल कमांड स्थापित कर रखा है, वहीं से वह भारत विरोधी गतिविधियों का संचालन करता है।
एटीएस सामने आई अहम जानकारी
यह जानकारी महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) की जांच में सामने आई है। महाराष्ट्र एटीएस ने अल-कायदा से जुड़े जुबैर हंगारगेकर को गिरफ्तार कर उससे लंबी पूछताछ की है।
जुबैर अल-कायदा के गहरे प्रभाव में था और वह भारत में संगठन का नेटवर्क तैयार करने में जुटा था। जुबैर के पास से बरामद कई तरह की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से पता चला कि अल-कायदा भारत में कट्टरपंथी विचारधारा के विस्तार की साजिश पर कार्य कर रहा है। वह भारत में इस्लामी कानून वाली सरकार (खलीफा राज) की स्थापना के मंसूबे बांध रहा है।
एटीएस की जांच में पता चला कि आतंकी संगठन ने क्षेत्र में कट्टरपंथी विचारधारा को मजबूत करने के लिए अफगानिस्तान में बड़ा बुनियादी ढांचा तैयार कर लिया है। वहीं से वह भारत सहित कई देशों में इंटरनेट मीडिया के जरिये जहरीला प्रचार कर रहा है और उन देशों में अपना नेटवर्क खड़ा कर रहा है।
जुबैर के पास मिलीं डिवाइस से बड़ा खुलासा
जुबैर के पास मिलीं डिवाइस की जांच में पता चला है कि उसके अल-कायदा के लिए कार्य कर रहे पाकिस्तान, सऊदी अरब, कुवैत और ओमान के लोगों से भी संपर्क थे। जुबैर के पास बड़ी मात्रा में भड़काऊ साहित्य मिला है जिसे वह खासतौर पर युवाओं में वितरित कर उन्हें कट्टरपंथी और दूषित मानसिकता वाला बनाने की कोशिश कर रहा था।
जुबैर के पास जो डिवाइस मिली हैं उन्हें आठ अलग पहचानों के जरिये चलाया जा रहा था। इनमें से चार डिवाइस अफगानिस्तान की पहचान वाले दस्तावेजों से चलाई जा रही थीं जबकि बाकी चार हांगकांग के आइडी प्रूफ से चल रही थीं।
आइबी भी कर रही इस मामले की जांच
मामले की जांच इंटेलीजेंस ब्यूरो (आइबी) भी कर रही है। जुबैर ने कट्टरपंथी विचारधारा के विकास के लिए उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में लोगों से संपर्क किया। इनमें से कुछ को भड़काऊ साहित्य भी भेजा गया और उन्होंने विचारधारा को फैलाने का आश्वासन दिया था। अब ऐसे लोगों के बारे में जानकारियां जुटाने में एजेंसियां लगी हुई हैं।
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