राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दोनों गुटों शरद पवार और अजीत पवार के बीच पुणे नगर निगम चुनाव एक साथ लड़ने की वार्ता शुक्रवार को विफल हो गई। सूत्रों के अनुसार, अजीत पवार और उनके चाचा शरद पवार सीट बंटवारे पर सहमत नहीं हो सके, जिसके बाद शरद पवार गुट महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की ओर वापस मुड़ गया।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि पुणे में दोपहर के आसपास हुई बैठक में अजीत पवार गुट ने शरद पवार गुट को मात्र 35 सीटें लड़ने की पेशकश की, वो भी ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह पर। शरद पवार गुट ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया और बैठक से बाहर चले गए। इसके बाद शरद पवार गुट ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के साथ गहन चर्चा शुरू कर दी।
पुणे के एक होटल में एमवीए की बैठक में शरद पवार गुट से बापूसाहेब पथारे और अंकुश काकडे, कांग्रेस से अरविंद शिंदे और रमेश बागवे तथा शिवसेना (उद्धव गुट) से वसंत मोरे शामिल हुए।
महायुति की एक और बैठक आज रात होने वाली है
दूसरी ओर, सत्ताधारी महायुति गठबंधन में भी सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध बना हुआ है। शिवसेना (शिंदे गुट) और भाजपा के बीच 17 सीटों पर सहमति नहीं बनी है, हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बैठक में 210 सीटों पर समझौता हो चुका है। महायुति की एक और बैठक आज रात होने वाली है।
बीएमसी चुनाव के संदर्भ में, एनसीपी (शरद पवार) के वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। बांद्रा स्थित ‘मातोश्री’ में हुई यह बैठक करीब दो घंटे चली, जिसमें दोनों दलों के बीच संभावित गठबंधन पर चर्चा हुई।
यह मुलाकात उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे (एमएनएस) के गठबंधन की घोषणा के दो दिन बाद हुई है। नामांकन की अंतिम तारीख नजदीक होने से सभी दलों में गठबंधन प्रयास तेज हो गए हैं।
पुणे नगर निगम की 165 सीटों पर 15 जनवरी को चुनाव होने हैं, जिससे राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। यह विफलता महाराष्ट्र की सियासत में नए समीकरण पैदा कर सकती है।
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