लंदन। ब्रिटेन की राजधानी लंदन का मेयर चुनने के लिए गुरुवार को वोट डाले गए। इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का भी इस्तेमाल किया गया है। हिंदू और सिख मतदाताओं को गोलबंद करने के लिए सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी के उम्मीदवार जैक गोल्डस्मिथ ने उनके नाम का सहारा लिया है।
हालांकि गोल्डस्मिथ के मुकाबले लेबर पार्टी के पाकिस्तानी मूल के उम्मीदवार सादिक खान के मेयर बनने की ज्यादा संभावना है। 45 साल के खान 2005 से लेबर पार्टी के सांसद भी हैं। 2009-10 में ब्राउन की सरकार में वे परिवहन मंत्री भी रह चुके हैं। यदि वे जीते तो एक पूर्व बस चालक का बेटा यूरोप का सबसे ताकतवर मुस्लिम नेता बन सकता है।
यूगॉव पोल ने पहली पसंद के वोट में सादिक को 16 अंकों की बढ़त बताई है। सादिक का 48 और गोल्डस्मिथ का 32 फीसद लोगों ने समर्थन किया। द्वितीय पसंद के लिए किए गए सर्वे में सादिक की बढ़त और मजबूत हो गई। इसमें 60 फीसद लोगों ने उनका समर्थन किया। इस तस्वीर को बदलने के लिए गोल्डस्मिथ ने मोदी के नाम का सहारा लिया है।
प्रधानमंत्री के साथ अपनी तस्वीर लगाकर उन्होंने मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की है। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने खुद को ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ मोदी का स्वागत करने वाले नेता के तौर पर पेश किया है। साथ ही सादिक खान को मोदी को ब्रिटेन में आने से रोकने की कोशिश करने वाले और पिछले साल उनके कार्यक्रम में शामिल नहीं होने वाले के तौर पर पेश किया है।
आज आएंगे नतीजे
गुरुवार को लंदन के अलावा ब्रिस्टल, लिवरपूल और सेलफोर्ड में भी मेयर के चुनाव के लिए लोगों ने वोट डाले। इसके अलावा स्कॉटलैंड की संसद, नेशनल असेंबली ऑफ वेल्स, नॉर्दन आयरलैंड एसेंबली के लिए भी वोट डाले गए। नतीजे शुक्रवार को आने की उम्मीद है।
गोल्डस्मिथ का पाक रिश्ता
अरबपति कारोबारी गोल्डस्मिथ का भी पाकिस्तान से रिश्ता है। वे क्रिकेटर से नेता बने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान की पहली पत्नी जेमिमा के भाई हैं। वहीं, सादिक के पैदा होने से कुछ समय पहले ही 1970 में उनके माता-पिता पाकिस्तान छोड़कर ब्रिटेन चले गए थे।
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