मध्यप्रदेश के कई जिलों में छाए बदल, रात का तापमान बढ़ा

मध्यप्रदेश में इस बार नवंबर ने ही सर्दी के हालात बिगाड़ दिए।लगातार 15 दिन चली शीतलहर ने लोगों को दिसंबर जैसा मौसम नवंबर में ही महसूस करा दिया। राहत की बात यह है कि अब अगले चार दिन शीतलहर का असर नहीं रहेगा। प्रदेश कई जिलों में बदल छाए रहे। साइक्लोनिक सर्कुलेशन के असर से प्रदेश में लगातार तीसरे दिन बादल छाए रहे। इससे दिन के तापमान में गिरावट आई है। मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि बादलों के कारण दिन ठंडा हुआ है, लेकिन रात का तापमान अभी स्थिर रहेगा।

दिन के तापमान में गिरावट

भोपाल: 26.4°C

मलाजखंड: 25°C

रायसेन: 26.6°C

श्योपुर: 26.2°C

दतिया: 26.4°C

समय से पहले बर्फबारी से नवंबर में ही बढ़ी ठिठुरन
हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में सामान्य से पहले हुई बर्फबारी का सीधा असर मध्यप्रदेश पर पड़ा। बर्फीली हवा की मार से भोपाल में 1931 के बाद सबसे लंबी 15 दिन शीतलहर चली। रात का तापमान भी गिरकर 5.2°C तक पहुंच गया, जो नवंबर का रिकॉर्ड न्यूनतम है।फिलहाल हवा का रुख बदलने से उत्तर की ठंडी हवा का प्रवाह रुक गया है। इसी कारण पिछले तीन दिनों से प्रदेश में कहीं भी शीतलहर नहीं चली। यही स्थिति अब चार दिन और बने रहने की उम्मीद है। हालांकि, दिसंबर के पहले सप्ताह से ठंड फिर करवट ले सकती है।

एक ही रात में भोपाल का पारा 4.6 डिग्री उछला

रविवार-सोमवार की रात के बीच तापमान में अचानक बढ़त देखने को मिली।

भोपाल: बढ़कर 14°C
इंदौर: 12.8°C
ग्वालियर: 10.6°C
उज्जैन: 15°C
जबलपुर: 14.5°C
जबकि नौगांव, नरसिंहपुर, राजगढ़ और रीवा में पारा अब भी 10°C से नीचे है।

घने कोहरे से, कई जिलों में 1-2 किमी विजिबिलिटी
कोहरे ने यातायात को प्रभावित किया है। भोपाल में दिनभर धुंध छाई रहती है। सुबह दृश्यता 1-2 किमी तक सीमित हो जाती है। पचमढ़ी, नर्मदापुरम, रीवा, सतना और शाजापुर भी घने कोहरे की चपेट में हैं।

कोहरे और ठंड को लेकर एडवाइजरी
वाहन चालक सावधान रहें धीमी रफ्तार रखें, फॉग लाइट का उपयोग करें। सिर, गर्दन और हाथ-पैर ढककर रखें। सर्दी-खांसी में डॉक्टर से सलाह लें। विटामिन-C युक्त फल खाएं।किसान नमी वाली जमीन पर गेहूं-चना-सरसों-मटर की बुआई करें। फसल अवशेष (ठूंठ) न जलाएं।

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