तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने ब्रिटेन की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑक्सफोर्ड में समाज सुधारक ई.वी रामासामी पेरियार के चित्र का अनावरण किया। आत्म सम्मान आंदोलन की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सीएम स्टालिन ने भी शिरकत की।
स्टालिन ने बताया पेरियार के दर्शन का मतलब
कार्यक्रम के दौरान स्टालिन ने कहा कि ‘पेरियार के चित्र का ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में, जो ज्ञान, मानवाधिकार और गरिमा का पर्याय है, अनावरण करना सबसे यादगार क्षण है और बड़े ही सम्मान की बात है। अब पेरियार का तर्कवाद तमिलनाडु के पार जाकर पूरी दुनिया में अपनी चमक बिखेर रहा है।’ स्टालिन ने बताया कि करीब 40 साल पहले भी डीएमके ने ऑक्सफोर्ड में पेरियार के जन्म शताब्दी वर्ष का उत्सव मनाया था। स्टालिन ने कहा कि पेरियार के दर्शन का मतलब आत्मसम्मान, तर्कवाद, सामाजिक न्याय, लिंग समानता, वैज्ञानिक सोच, महिलाओं का उत्थान और धर्मनिरपेक्ष राजानीति होता है।
कानून बनने से पहले विधवा विवाह जैसे सुधारों का दिया विचार
स्टालिन ने कहा कि पेरियार के सुधारवादी विचार अपने समय से पहले के थे। पेरियार ने अंतरजातीय विवाह, विधवा विवाह, दलितों की मंदिरों में एंट्री, शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण, महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिलाने पर कानून बनने से बहुत पहले इनका समर्थन किया था। तमिलनाडु सीएम ने कहा कि तमिलनाडु में अकाल के चलते कोई मौत नहीं होती। राज्य शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग के साथ ही सामाजिक विकास में भी आगे है। यही पेरियार की असल जीत है। स्टालिन ने अपील की कि पेरियार की किताबों को विभिन्न भाषाओं में अनुवादित किया जाए, ताकि उनके तर्कवाद, समानता और सामाजिक न्याय के विचारों से दुनिया वाकिफ हो सके।
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