राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (दिल्ली चिड़ियाघर) में रविवार को हुए परीक्षण में दो पेंटेड स्टॉर्क और दो ब्लैक-नेक्ड आइबिस के नमूने एवियन इन्फ्लूएंजा (एच5एन1) वायरस के लिए पॉजिटिव पाए गए। तीन पेंटेड स्टॉर्क और एक ब्लैक-नेक्ड आइबिस को उपचार के लिए बाड़े से अलग कर निगरानी में रखा गया है।
अब तक जल पक्षी बाड़े में छह पेंटेड स्टॉर्क, दो ब्लैक-नेक्ड आइबिस और चार अन्य प्रवासी पक्षियों की मौत हो चुकी है। चिड़ियाघर प्रबंधन की ओर से एवियन इन्फ्लूएंजा एच5एन1 के प्रसार को रोकने के लिए गहन निगरानी और सख्त जैव-सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं। रविवार जल पक्षी बाड़े में किसी भी पक्षी या प्रवासी पक्षी की मृत्यु नहीं हुई है।
दर्शकों के लिए अनिश्चितकाल के लिए बंद हैं चिड़ियाघर
चिड़ियाघर में एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) की पुष्टि होने के बाद इसे बीते शनिवार से दर्शकों के लिए अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। यह कदम पेंटेड स्टॉर्क और ब्लैक-नेक्ड आइबिस की मौत के बाद लिया गया था, जिनके नमूनों में गुरुवार रात भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान की जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू का यह तीसरा मामला है। इससे पहले 2016 और 2021 में भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। बाघ, शेर और उनके शावकों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
चिड़ियाघर में निगरानी और जैव-सुरक्षा उपाय बढ़ाए गए
चिड़ियाघर के निदेशक डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में निगरानी और जैव-सुरक्षा उपायों को बढ़ा दिया गया है। निगरानी दल दिन में दो बार परिसर का सर्वेक्षण कर रहे हैं, और अन्य दल प्रवासी पक्षियों के बाड़ों, तालाबों और चारागाहों की सफाई और कीटाणुशोधन कर रहे हैं। अब तक एवियन इन्फ्लूएंजा संक्रमण के कारण 12 पक्षियों की मौत हो गई है। सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से जानवरों के स्वास्थ्य और व्यवहार पर नजर रखी जा रही है। कर्मचारियों को दस्ताने, मास्क, सुरक्षात्मक सूट और जूते के कवर उपलब्ध कराए गए हैं।