आखिर क्यों होते हैं शरीर पर फोड़े और फुंसी? 

अक्सर कुछ लोग फोड़े और फुंसी की वजह से परेशान रहते हैं। इसको लेकर बहुत लोगों के मन में सवाल रहता है कि आखिर ये परेशानी क्यों हो रही है। आइए इस लेख इसी के बारे में समझने की कोशिश करते हैं।

Boils and Pimples Causes: फोड़े और फुंसी होना एक बहुत ही आम बात है, जिससे अक्सर कुछ लोग परेशान रहते हैं। यह समस्या सामान्य तौर पर छोटे बच्चों में देखने को मिलती है। शरीर पर फोड़ा होना एक सामान्य बात जरूर है, लेकिन अगर समय रहते हैं ध्यान न दिया तो यह गंभीर हो सकता है। फोड़े लाल सूजे हुए और पस से भरे हुए उभार होते हैं जो आपके स्वास्थ्य के बारे में कई महत्वपूर्ण संकेत भी देते हैं।

फोड़े और फुंसी तब बनते हैं जब बैक्टीरिया हमारे रोमछिद्रों में घुस जाते हैं और संक्रमण फैलाते हैं। इस संक्रमण से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली प्रतिक्रिया करती है, जिससे सूजन और पस का बनने लगता है। हालांकि यह समझना जरूरी है कि सिर्फ बैक्टीरिया ही इसके लिए जिम्मेदार नहीं होते। हमारी कुछ आदतें, स्वास्थ्य संबंधी स्थितियां और पर्यावरणीय कारक भी फोड़े-फुंसी के होने का खतरा बढ़ाते हैं। इन कारणों को जानकर और उनसे बचकर हम अपनी त्वचा को स्वस्थ रख सकते हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे की तीन सबसे बड़ी वजहें।

खराब व्यक्तिगत स्वच्छता

फोड़े और फुंसी का सबसे बड़ा कारण खराब व्यक्तिगत स्वच्छता है। जब हम नियमित रूप से अपने शरीर को साफ नहीं करते हैं, तो त्वचा पर तेल, पसीना और बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं। ये बैक्टीरिया रोमछिद्रों में घुसकर संक्रमण पैदा करते हैं, जिससे फोड़े-फुंसी हो जाते हैं। इसलिए, नियमित रूप से स्नान करना और त्वचा को साफ रखना बहुत जरूरी है।

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली
अगर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, तो आपका शरीर बाहरी बैक्टीरिया और कीटाणुओं से ठीक से लड़ नहीं पाता। डायबिटीज के मरीज, या ऐसे लोग जो लंबे समय से किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, उनमें फोड़े-फुंसी होने का खतरा अधिक होता है। स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार और पर्याप्त नींद से प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाया जा सकता है।

पाचन क्रिया की वजह से होते हैं फोड़ें
जब हमारी पाचन क्रिया सही से काम नहीं करती, तो शरीर भोजन से विषाक्त पदार्थों को पूरी तरह से बाहर नहीं निकाल पाता। ये विषाक्त पदार्थ रक्त में जमा होने लगते हैं और शरीर उन्हें त्वचा के माध्यम से बाहर निकालने की कोशिश करता है। इस प्रक्रिया में ये विषाक्त पदार्थ त्वचा के रोमछिद्रों को बंद कर देते हैं, जिससे संक्रमण होता है और फोड़े या फुंसी होने लगते हैं।

हार्मोनल असंतुलन और तनाव
इन तीन प्रमुख कारणों के अलावा एक कारण और है जिसकी वजह से फोड़े और फुंसी होते हैं, और वो है हार्मोनल असंतुलन। खासकर किशोरावस्था के दौरान, मुंहासे और फुंसी का एक प्रमुख कारण होता है। इसके अलावा तनाव भी शरीर में कोर्टिसोल जैसे हार्मोन को बढ़ाता है, जो त्वचा में तेल उत्पादन को बढ़ा सकता है, जिससे रोमछिद्र बंद हो जाते हैं और फोड़े-फुंसी हो सकते हैं। तनाव को नियंत्रित करके इस समस्या को कम किया जा सकता है।

बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां
फोड़े-फुंसी से बचने के लिए, अपनी त्वचा को हमेशा साफ रखें। संतुलित आहार लें, और खूब पानी पिएं। अगर आपको बार-बार यह समस्या हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि यह किसी अंदरूनी बीमारी का संकेत हो सकता है।

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