मोहाली कोर्ट में मजीठिया की पेशी: विरोध करने पहुंचे सुखबीर बादल हिरासत में

भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार बिक्रम मजीठिया को आज मोहाली कोर्ट में पेश किया गया। इस दाैरान अंब साहिब गुरुद्वारे में अकाली समर्थक मीटिंग करने पहुंचे।

माैके पर तैनात पुलिस बल ने शिअद प्रधान सुखबीर बादल को गुरुद्वारा साहिब के बाहर रोक लिया। इस दाैरान उनकी एसपी मनप्रीत से बहस भी हुई। पुलिस ने कहा कि गुरुद्वारे नहीं जाने दिया जा सकता। वहीं एसपी से सुखबीर बादल ने परमिशन दिखाने को कहा। बादल ने आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस अरविंद केजरीवाल के इशारे पर धक्का कर रही है।

वहीं अकाली नेता सुच्चा सिंह लंगाह को समर्थकों सहित हिरासत में लिया गया है। लंगाह ने कहा कि वे गुरुद्वारे में माथा टेकने आए थे। यहां से कोर्ट और विजिलेंस दफ्तर भी दूर हैं, फिर भी पुलिस धक्केशाही कर रही है। गुरुद्वारा अम्ब साहिब से विजिलेंस दफ्तर जा रहे अकाली वर्करों को पुलिस ने हिरासत में लिया। इस दाैरान पुलिस के साथ कार्यकर्ताओं की धक्कामुक्की हुई।

पंजाब भर से अकाली वर्कर धरना प्रदर्शन करने के लिए मोहाली पहुंच रहे हैं। अकाली वर्करों को धरने में जाने से रोकने के लिए पंजाब भर में वरिष्ठ अकाली नेताओं के घरों के बाहर पुलिस बैठा दी गई है। जगह-जगह पर नाकाबंदी भी की हुई है खासकर ब्यास पुल के पास बड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। वहां वाहनों को चेक करके आगे भेजा जा रहा है।

पंजाब में अघोषित आपातकाल लागू
वहीं पूरे मामले में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने सीएम भगवंत मान पर निशाना साधा और कहा उन्होंने पंजाब में अघोषित आपातकाल लागू कर दिया है। आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा झूठे मामले में फंसाए गए बिक्रम सिंह मजीठिया के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए आज मोहाली जा रहे अकाली कार्यकर्ताओं को उनके घरों में ही हिरासत में लिया जा रहा है। यहां तक कि सभी प्रमुख सड़कों पर लगाए गए नाकों पर भी उन्हें रोका जा रहा है। इस तरह की दमनकारी हरकतें कायरता की निशानी हैं। यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री मजीठिया के लिए उमड़ रहे समर्थन से घबरा गए हैं। अकाली दल और उसके कार्यकर्ता इस तरह की दमनकारी हरकतों से नहीं डरेंगे। पहले भी अकालियों ने जनांदोलनों के जरिए दमन का मुकाबला किया है। अब भी हम पंजाबियों के समर्थन से भ्रष्ट और तानाशाह आप सरकार को करारा सबक सिखाएंगे। शिरोमणि अकाली दल जिंदाबाद

बिक्रम मजीठिया ने गिरफ्तारी व रिमांड के आदेश को अवैध बताते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याची ने कहा कि उसे राजनीतिक दुर्भावना का शिकार बनाया गया है। हाईकोर्ट जल्द याचिका पर सुनवाई कर सकता है।

मजीठिया ने याचिका में कहा कि उसे गिरफ्तारी से दो घंटे पहले तक अवैध हिरासत में रखा गया। गिरफ्तारी के समय तय नियमों का पालन नहीं किया गया। पुलिस ने रिमांड के लिए कोई ठोस आधार नहीं बनाया। याची ने कहा कि उसे गिरफ्तार करने की कोई वजह नहीं थी। रिमांड का आदेश जारी करते हुए मजिस्ट्रेट ने कारणों को दर्ज नहीं किया था। हाईकोर्ट से अपील की गई है कि रिमांड के आदेश को रद्द किया जाए। मजीठिया को पुलिस ने अमृतसर से गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस ने उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। जहां से उन्हें 2 जुलाई तक की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। इसी आदेश को अब हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।

मजीठा में विजिलेंस ने की जांच
विजिलेंस ब्यूरो की टीम आय से अधिक संपत्ति मामले में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को मंगलवार हाई सिक्योरिटी में जांच के लिए मजीठा लेकर पहुंची। इस दौरान पुलिस ने मजीठिया की पत्नी विधायक गनीव कौर के दफ्तर को भी ताला लगाया और डेढ़ घंटे तक मजीठिया से पूछताछ की। साथ ही हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ में भी अलग-अलग टीमों की तरफ से जांच की गई।

हिमाचल प्रदेश में संपत्तियों की निशानदेही और गवाहों के बयानों के आधार पर विजिलेंस ने यह बड़ी कार्रवाई की है। मजीठिया का बुधवार को रिमांड खत्म होने वाला है, जिसके चलते उनको कोर्ट में पेश किया जाना है। विजिलेंस की टीम रिमांड की अवधि बढ़ाने के लिए केस से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य जुटा रही है, ताकि उन्हें कोर्ट के समक्ष रखा जा सके। जांच के दौरान मजीठिया के कार्यालय से काफी इलेक्ट्रॉनिक सामान व दस्तावेज भी अपने कब्जे में लिए हैं, जिसमें कंप्यूटर, इंटरनेट की सामग्री समेत अन्य सामान शामिल है।

गनीव की इस दौरान पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक हुई। उन्होंने पुलिस से दफ्तर के अंदर जाने की मांग की, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया। इस कारण उन्होंने पुलिस के खिलाफ धरना भी दिया।

अब तक इस केस में पंजाब के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, ईडी के पूर्व उपनिदेशक निरंजन सिंह, पूर्व विधायक बोनी अजनाला और मजीठिया के पूर्व पीए तलबीर सिंह गिल, अकाली नेता मनिंदर सिंह उर्फ बिट्टू औलख और जगजीत सिंह चहल के बयान दर्ज किए गए हैं। इनके आधार पर ही विजिलेंस पंजाब समेत अलग-अलग राज्यों में कार्रवाई कर रही है। इसमें मजीठिया का घर, पत्नी विधायक गनीव कौर का दफ्तर, चंडीगढ़ में घर और अन्य सभी जगह शामिल हैं।

विजिलेंस के अधिकारियों के 22 से 25 वाहन थे। साढ़े तीन से पांच बजे तक दफ्तर में मजीठिया से पुलिस ने पूछताछ की और फिर मोहाली के लिए लौट गए। मजीठा में पुलिस द्वारा डेढ़ बजे ही सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे। मजीठिया के कार्यालय में आने-जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेड लगा दिए गए थे, ताकि अकाली वर्कर और मजीठिया के समर्थक कहीं उनकी जांच में किसी तरह की रुकावट न बनें।

बिना कोर्ट ऑर्डर आई टीम, मुझे दफ्तर नहीं जाने दिया : गनीव कौर
पुलिस ने बैरिकेड लगाकर मजीठिया के समर्थकों को दफ्तर तक नहीं पहुंचने दिया गया। मजीठिया की पत्नी गनीव कौर करीब डेढ़ बजे दफ्तर पहुंचीं तो उन्हें भी पहले ही रोक दिया गया। विधायक गनीव कौर ने बताया कि मेरे दफ्तर की जांच को लेकर विजिलेंस के पास किसी तरह का कोर्ट ऑर्डर नहीं है। वह रोज की तरह मजीठा स्थित अपने कार्यालय पहुंचीं थीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें दफ्तर तक नहीं जाने दिया गया। उन्हें अभी तक यह पता नहीं लग रहा है कि विजिलेंस टीम नशे के केस में या फिर आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में जांच कर रही है। सरकार मजीठिया से डर रही है।

एनडीपीएस की एक धारा लगाकर दिखाएं
मजीठिया के वकील दमनवीर सिंह सोबती ने मजीठिया के एक्स अकाउंट से एक पोस्ट डालकर डीजीपी पंजाब, विजिलेंस चीफ और पंजाब एजी को चुनौती दी कि वे इस मामले में एक छोटी सी भी एनडीपीएस की धारा लगाकर दिखाएं।

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