अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश की वजह अभी तक सामने नहीं आई है जिसकी जांच नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा की जा रही है। मंत्री मुरलीधर मोहोल के अनुसार इस दुर्घटना में 274 लोगों की जान गई थी। प्लेन के ब्लैक बॉक्स को AAIB डिकोड कर रही है और तोड़फोड़ की आशंका को भी ध्यान में रखकर जांच की जा रही है।
गुजरात के अहमदाबाद प्लेन क्रैश को 15 दिन से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन इसकी वजह अभी तक सामने नहीं आई है। नागरिक उड्डयन मंत्री मुरलीधर मोहोल के अनुसार, इस घटना में कुल 274 लोगों की मौत हुई थी।
प्लेन का ब्लैक बॉक्स AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) के पास है, जिसे डिकोड करने की प्रक्रिया जारी है। वहीं, अब इस मामले में तोड़फोड़ की भी जांच की जा रही है।
हर एंगल से होगी जांच: मुरलीधर मोहोल
एनडीटीवी से बातचीत के दौरान मुरलीधर मोहोल ने कहा, “प्लेन क्रैश बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। AAIB ने इसकी जांच शुरू कर दी है। सभी एंगल से मामले की जांच की जा रही है, इसमें तोड़फोड़ का एंगल भी शामिल है। AAIB सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहा है, जिससे कोई भी सुराग अछूता न रहे। इस जांच में AAIB के साथ कई अन्य एजेंसियां भी शामिल हैं।”
मुरलीधर के अनुसार,
अहमदाबाद प्लेन क्रैश बहुत ही दुर्लभ घटना है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि प्लेन का दोनों इंजन एक-साथ फेल हो जाए। हम यह भी जानने की कोशिश कर रहे हैं कि फ्लाइट का इंजन फेल था या ईंधन सप्लाई में कोई परेशानी थी? दोनों इंजन ने अचानक एक-साथ काम करना क्यों बंद कर दिया? कहीं विमान के साथ कोई तोड़फोड़ या छेड़छाड़ तो नहीं हुई थी?
कब आएगी अहमदाबाद प्लेन क्रैश की रिपोर्ट?
मुरलीधर मोहोल के अनुसार, प्लेन क्रैश पर जल्दबाजी में कुछ भी कहना गलत होगा। ब्लैक बॉक्स में मौजूद CVR (Cockpit Voice Recorder) को खंगाला जा रहा है, जिससे पायलट के बीच बातचीत का पता लगाया जा सके। प्लेन क्रैश की रिपोर्ट 3 महीने में सामने आ जाएगी।
विदेश नहीं जाएगा ब्लैक बॉक्स: मुरलीधर मोहोल
ब्लैक बॉक्स को डिकोड करने के लिए विदेश भेजे जाने वाली खबर को भी मुरलीधर मोहोल ने सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने बताया कि ब्लैक बॉक्स कहीं नहीं जा रहा है। वर्तमान में यह AAIB के पास है। इसे बाहर भेजने की कोई जरूरत नहीं है।
कैसे हुआ था अहमदाबाद प्लेन क्रैश?
बता दें कि 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जाने वाली प्लाइट AI 171 बोइंग ड्रीमलाइनगर 787-8 एअरपोर्ट से उड़ान भरते ही क्रैश हो गया। विमान में सवार 242 लोगों में से सिर्फ 1 शख्स जिंदा बचा था। वहीं, प्लेन बीजे मेडिकल कॉलेज के मेस पर गिरा था, जहां मौजूद कई डॉक्टरों और एमबीबीएस छात्रों की भी मौत हो गई थी।