पंजाब कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा को सात मई तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट को ये विश्वास दिलाया है। इसके हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को बाजवा की याचिका पर विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए समय देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी।
पंजाब में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा था कि 50 बम पंजाब पहुंच चुके हैं, जिसके गलत मायने निकाले जा रहे हैं। उनके बयान को लेकर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर बाजवा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से मांगा था जवाब
बाजवा ने आरोप लगाया था कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। इस पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। साथ ही अगली सुनवाई तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई थी। बाजवा को इस केस के बारे में प्रेस स्टेटमेंट जारी करने पर भी हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी।
बाजवा का दावा-खुफिया पुलिस का दुरुपयोग किया गया
बाजवा ने दावा किया था कि पंजाब की खुफिया पुलिस का इस मामले में दुरुपयोग हुआ है। बाजवा ने कहा कि उन्होंने राज्य पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे और उसे निक्कमा कहा था। इसकी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री भगवंत मान पर आती है, जो गृह विभाग भी संभालते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने इस आलोचना को व्यक्तिगत हमला मानते हुए राजनीतिक बदले की भावना से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए।
याचिका में यह भी कहा गया था कि याची नेता प्रतिपक्ष के रूप में कैबिनेट मंत्री के दर्जे पर हैं और आम आदमी पार्टी सरकार की नीतियों तथा कानून व्यवस्था पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं।
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