महिलाओं को बांझपन से मुक्ति दिलाए ये आसान घरेलू उपचार...

महिलाओं को बांझपन से मुक्ति दिलाए ये आसान घरेलू उपचार…

(16 Nov) कम से कम एक वर्ष तक नियमित, समयोचित एवं बिना किसी गर्भ-निरोधक का उपयोग करते हुए सम्भोग करने वाली स्त्री, जब गर्भधारण करने में असमर्थ रहती है, तो उसे बांझपन या बाँझपन से जुडी समस्या माना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, गर्भावस्था बनाए रखना और एक जीवित बच्चे को जन्म ना दे पाने में असमर्थता भी, बांझपन में ही सम्मिलित हैं।महिलाओं को बांझपन से मुक्ति दिलाए ये आसान घरेलू उपचार...वीडियो : इस लड़की का हॉट बाथरूम MMS हुआ वायरल

स्त्रियों में प्रजनन क्षमता विभिन्न स्वास्थ्य समस्यायों से प्रभावित हो सकती है, जैसे कि :- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओ), ऐंडोमेटरिओसि$ज, श्रोणि सूजन की बीमारी, गर्भाशय फाइब्रॉएड, एनीमिया, थायराइड की समस्याएं, अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब$ज, कैंडिडा और यौन संचारित रोग (एसटीडी) इत्यादि ।

इसी प्रकार अधिक मदिरा-सेवन, धुम्रपान, आयु (35 वर्ष से अधिक), मोटापा, अत्यधिक-तनाव, अनियमित एवं दर्दपूर्ण माहवारी की समस्या, पोषण-रहित भोजन या फिर अत्यधिक शारीरिक-प्रशिक्षण भी स्त्री की गर्भ-धारण क्षमता को प्रभावित करते हैं । ऐसे में, इन-विट्रो-फॢटलाइजेशन (आईवीएफ) या सरोगेट-मां के माध्यम से कई महिलाएं बच्चा प्राप्त करने में सफल हुई हैं। परन्तु हर एक स्त्री इन तकनीकों का इस्तेमाल नहीं कर सकती, क्योंकि महंगी होने के कारण यह हर एक की पहुँच में नहीं हैं।

इन परिस्थितियों में, कुछ प्राकृतिक और हर्बल उपचार भी बांझपन के मूल कारणों से लडऩे, और गर्भवती होने की संभावनाओं को बढाने में मददगार हैं। स्वस्थ जीवन-शैली, जैसे कि :- नियमित व्यायाम एवं स्वस्थ-आहार भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। यहाँ स्त्री-बाँझपन के निवारण हेतु आठ शीर्ष उपचार दिए गए हैं । अश्वगंधा – यह जड़ी बूटी हार्मोनल-संतुलन को बनाए रखने और प्रजनन अंगों के समुचित कार्य-क्षमता को बढ़ावा देने में कारगर है ।

यह बार-बार हुए गर्भपात के कारण, शिथिल-गर्भाशय को समुचित आकर में लाकर उसे स्वस्थ बनाने में मदद करती है। गर्म पानी के एक गिलास में अश्वगंधा चूर्ण का 1 चम्मच मिश्रण बनाकर, दिन में दो बार लें । अनार – यह गर्भाशय के रक्त प्रवाह में वृद्धि करता है, और गर्भाशय की दीवारों को मोटा कर के गर्भपात की संभावना को कम करने के लिए सहायक है। साथ ही, यह भ्रूण के स्वस्थ विकास को बढ़ावा देता है ।

अनार के बीज और छाल को बराबर मात्रा में मिलाएं उसका महीन चूर्ण बनाकर, एक एयर-टाइट जार में रख लें । कुछ हफ्तों के लिए दिन में दो बार गर्म पानी के एक गिलास के साथ इस मिश्रण का आधा चम्मच लें । आप ताजा अनार-फल भी खा सकते हैं, और अनार का ता$जा रस भी पी सकते हैं । दालचीनी – दालचीनी डिम्ब-ग्रंथि के सही-सही रूप से कार्य करने में मदद कर सकती है । और इस तरह से बांझपन से लडऩे में प्रभावशाली सिद्ध हो सकती है।

यह पी सी ओ, बांझपन के मुख्य कारणों में से एक, के इलाज में भी मदद करती है। गर्म पानी के एक कप में, दालचीनी पाउडर का 1 चम्मच मिलाएं। कुछ महीनों के लिए दिन में एक बार इसे पीते रहें । इसके अलावा, अपने अनाज, दलिया, और दही पर भी दालचीनी पाउडर का छिडक़ाव कर के इसे अपने आहार में शामिल करें।

एक अच्छा-संतुलित आहार लें – एक अच्छी तरह से संतुलित आहार लेना, प्रजनन क्षमता में सुधार के लिए एक और महत्वपूर्ण कारक है। एक स्वस्थ, संतुलित आहार स्वास्थ्य की उस दशा या बीमारियों को रोकने में मदद करता है जो बाँझपन का कारण हो सकती हैं साथ ही, यह गोदभराई की संभावना को बढाता है। खजूर – खजूर, गर्भ धारण करने के लिए, आपकी क्षमता को बढाने में मदद कर सकते हैं। इसमें कई पोषक तत्व होते हैं, जैसे कि:-

विटामिन ए, ई और बी लोहा और अन्य $जरूरी खनिज, जोकि एक महिला को गर्भ धारण करने के लिए और गर्भावस्था से लेकर बच्चे के जन्म तक आवश्यक हैं। 2 बड़े चम्मच कटे हुए धनिये की जड़ के साथ 10 से 12 खजूर (बीज के बिना) पीस लें। पेस्ट बनाने के लिए गाय के दूध के ष् कप मिलाएं और इसे उबाल लें। इसे पीने से पहले ठंडा होने दें। अपनी अंतिम माहवारी की तारीख से, एक सप्ताह के लिए, इसे दिन में एक बार पियें।

एक स्वस्थ-नाश्ते के रूप में प्रतिदिन 6-8 खजूर खाते रहें और दूध, दही और स्वास्थ्य-पेय में भी कटे हुए खजूर का समावेश करें। विटामिन-डी – विटामिन-डी गर्भावस्था के लिए और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के लिए आवश्यक है। वास्तव में, विटामिन-डी की कमी, बांझपन और गर्भपात का कारण हो सकती है ।

सुबह- सुबह 10 मिनट के लिए धूप जरूर सेकें ताकि आपके शरीर में विटामिन-डी का निर्माण हो सके । विटामिन-डी से युक्त भोजन जैसे कि सामन (पथद्यद्वधद्ब्र), पनीर, अंडे की $जर्दी और विटामिन-डी से सशक्त भोज्य-पदार्थों का सेवन करें । आप विटमिन-डी का सेवन गोलियों के रूप में भी कर सकती है परन्तु अपने चिकित्सक से परामर्श के बाद ।

बरगद के वृक्ष की जड़ें – आयुर्वेद के अनुसार, बरगद के पेड़ की कोमल जडें महिला-बांझपन के इलाज में प्रभावी हैं। कुछ दिनों के लिए धूप में एक बरगद के पेड़ की कोमल जड़ों को सुखाएं । फिर इसका महीन चूरण बनाकर एक बंद डिब्बे में रख लें । एक गिलास दूध में चूरण के 1 से 2 बड़े चम्मच मिलाएं ।

माहवारी का समय खत्म होने के बाद लगातार तीन-रातों के लिए, खाली पेट इसे एक बार पियें । इसे पीने के बाद एक घंटे के लिए कुछ भी खाने से बचें । कुछ महीनों के लिए इस उपाय का पालन करें। योग प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने में मदद हेतु कुछ योगासन है – नाड़ी- शोधन प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, पश्चिमोत्तानासन, हस्तपादासन, जानू शीर्षासन, बाधा कोनासना, विपरीत-करणी और योग निद्रा इत्यादि । याद रखें, योग का लाभ लेने के लिए इसे ठीक-प्रकार से किया जाना चाहिए।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com