लेखक सलमान रुश्दी पर चाकू से ताबड़तोड़ हमले करने वाले हमलावर को हत्या के प्रयास का दोषी करार दिया गया है। चौटाउक्वा काउंटी कोर्ट में मुकदमे में सुनवाई के बाद जूरी ने 27 वर्षीय हादी मतार को दोषी पाया।
उसने अगस्त 2022 में न्यूयार्क में रुश्दी को एक दर्जन से अधिक बार चाकू से हमले किए थे। इस हमले में एक अन्य व्यक्ति भी घायल हो गया था। सात दिनों की गवाही के दौरान रुश्दी मुख्य गवाह थे। उन्होंने जूरी के समक्ष आपबीती बयां की थी।
30 साल जेल की हुई सजा
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक हादी मतार को 30 साल से अधिक समय तक जेल में रहने की सजा सुनाई गई है। 2022 में न्यूयॉर्क में एक मंच पर उपन्यासकार सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला किया गया था।
दोषी मतार ने रुश्दी को सिर, गर्दन, धड़ और बाएं हाथ में चाकू से कई बार हमला किया। उससे उनकी दाहिनी आंख की रोशनी जली गई। यहां तक कि लीवर और आंतों को भी नुकसान पहुंचा था। आपातकालीन सर्जरी के बाद रुश्दी को बचाया गया था।
रुश्दी ने दिखाई अपनी आंख
जूरी के सामने सलमान रुश्दी ने पूरी आपबीती बयां की। उन्होंने बताया कि कैसे मौत को बेहद करीब से देखा? रुश्दी ने अपना चश्मा हटाकर अपनी अंधी आंख भी दिखाई।
हेनरी रीज पर हमले का भी दोषी मिला मतार
मतार को हेनरी रीज पर भी हमले का दोषी पाया गया। रुश्दी पर हमले के वक्त हेनरी रीज मंच पर थे और वे रुश्दी से बातचीत कर रहे थे। रीज पिट्सबर्ग के सिटी ऑफ एसाइलम के सह-संस्थापक हैं। यह एक गैर-लाभकारी समूह है जो निर्वासित लेखकों की मदद करता है। हेनरी रीज पर हमले के मामले में मतार को 23 अप्रैल को सजा सुनाई जाएगी। उसे 25 साल तक की जेल हो सकती है।
कश्मीरी परिवार में जन्मे रुश्दी
सलमान रुश्दी भारत में एक मुस्लिम कश्मीरी परिवार में जन्मे। मगर वे नास्तिक हैं। 1988 में उपन्यास “द सैटेनिक वर्सेज” के प्रकाशन के बाद सलमान रुश्दी को लगातार मौत की धमकियां मिलने लगीं। यहां तक कि ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खोमैनी ने रुश्दी और उपन्यास के प्रकाशकों को मारने का फतवा जारी किया था।
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