माघ पूर्णिमा स्नान की सुरक्षा में सीएम योगी ने खुद संभाला मोर्चा

प्रयागराज में आज 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा स्नान का महापर्व ब्रह्म मुहूर्त से ही शुरू हो गया है। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए पहुंच चुके हैं। मेला प्रशासन ने इस खास स्नान को सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस पूरी व्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं और वे सुबह 4 बजे से ही वॉर रूम से माघ पूर्णिमा स्नान की निगरानी कर रहे हैं।

सुबह 4 बजे से महाकुंभ मेले की निगरानी कर रहे हैं सीएम योगी
मिली जानकारी के मुताबिक, सीएम योगी के साथ प्रमुख अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं और पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। माघ पूर्णिमा स्नान के लिए प्रशासन ने बड़े स्तर पर इंतजाम किए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री सचिवालय में बने कंट्रोल रूम से सीएम योगी, डीजीपी प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद लगातार व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे हैं। वहीं, कंट्रोल रूम में कई अन्य आला अधिकारी भी तैनात हैं।

सीएम योगी ने पहले ही आदेश दिया था कि इस बार माघ पूर्णिमा का स्नान पूरी सुरक्षा और व्यवस्थापूर्वक किया जाए, जैसा कि बसंत पंचमी के स्नान के दौरान किया गया था। साथ ही मेला प्रशासन, माघी पूर्णिमा स्नान के दौरान होने वाली भारी भीड़ को लेकर पहले से ज्यादा सतर्क है, खासकर मौनी अमावस्या पर हुए हादसे के बाद।

एडीजी अमिताभ यश को मेला क्षेत्र में किया गया तैनात
इस विशेष मौके पर, राज्य सरकार ने एडीजी (कानून और व्यवस्था) अमिताभ यश को मेला क्षेत्र में तैनात किया है, जो स्नान के संपन्न होने तक मौके पर बने रहेंगे। इसके अलावा 52 नए आईएएस, आईपीएस और पीसी अफसरों को भी मेला क्षेत्र में तैनात किया गया है ताकि सभी व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।

मेला क्षेत्र को 11 फरवरी से ‘नो व्हीकल जोन’ कर दिया गया है घोषित
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए, मेला क्षेत्र को 11 फरवरी से ‘नो व्हीकल जोन’ घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए अस्पतालों और एंबुलेंस को अलर्ट पर रखा गया है। बाहर से आने वाले वाहनों के लिए प्रयागराज की सीमा पर 36 जगहों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए चारों दिशाओं से संगम तक अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं। माघी पूर्णिमा स्नान के साथ ही, इस दिन श्रद्धालुओं का एक महीने का कल्पवास भी पूरा हो जाएगा। इसके बाद, वे अपने-अपने घरों को लौटने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे।

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