छह किलोमीटर तक मेट्रो ट्रेन के कमर्शियल रन के लिए कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी की टीम 21 जनवरी को इंदौर पहुंच जाएगी। टीम द्वारा सेफ्टी ऑडिट करने के बाद एक सप्ताह में एनओसी जारी की जाएगी। इसके बाद इंदौर में मेट्रो ट्रेन का कमर्शियल रन शुरू किया जा सकेगा।
इंदौर में छह किलोमीटर के हिस्से में मेट्रो का काम लगभग पुरा हो चुका है। इसके बीच आने वाले तीन मेट्रो स्टेशनों का काम भी पूरा हो चुका है। वहां टिकट खिड़की, लिफ्ट और एस्केलेटर भी लगाए जा चुके है।
जल्दी ही गांधी नगर मेट्रो स्टेशन से टीसीएस चौराहे तक कर्मशियल रन शुरू होगा। डेढ़ साल पहले इस हिस्से में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में ट्रायल रन किया गया था।
अब छह किलोमीटर तक मेट्रो ट्रेन के कमर्शियल रन के लिए कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी की टीम 21 जनवरी को इंदौर पहुंच जाएगी। टीम द्वारा सेफ्टी ऑडिट करने के बाद एक सप्ताह में एनओसी जारी की जाएगी। इसके बाद इंदौर में मेट्रो ट्रेन का कमर्शियल रन शुरू किया जा सकेगा। जिस हिस्से में मेट्रो ट्रेन का संचालन होगा। वहां न तो आबादी है और न ही पर्याप्त यात्री संख्या। इस कारण संचालन के बाद फायदा नहीं होगा।
उधर गुरुवार को प्रदेश के प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन संजय शुक्ला ने मेट्रो प्रोजेक्ट की समीक्षा की। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए है कि अब एमआर-9 चौराहा से आगे काम शुरू किया जाए।
17 किलोमीटर हिस्से में होना था ट्रायल रन
इंदौर में मेट्रो का काम 31 किलोमीटर हिस्से में होना है। फिलहाल गांधी नगर से रेडिसन चौराहा तक का काम पूरा हो चुका है। इस साल 17 किलोमीटर लंबाई में ट्रायल रन होना था, लेकिन चंद्रगुप्त मोर्य प्रतिमा चौराहा से विजय नगर चौराहा तक मेट्रो स्टेशन ही तैयार नहीं हो पाए है। नाथ मंदिर से बड़ा गणपति तक मेट्रो का अंडरग्राउंड काम भी होना है, लेकिन उसे भी अभी तक शुरू नहीं किया जा सका है। कान्ह नदी में 50 मीटर लंबाई में एक सुरंग भी बनेगी। जिससे होकर मेट्रो ट्रेन सदर बाजार की तरफ जाएगी।