मौसम में बदलाव से यूपी के इस जिले अस्थमा और ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ी

मौसम में बदलाव के कारण अस्थमा और सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। इसके अलावा, ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। बुधवार को एसएन मेडिकल कॉलेज में सांस लेने में परेशानी, ब्रेन स्ट्रोक, बेचैनी और घबराहट के कारण बड़ी संख्या में मरीज इमरजेंसी और मेडिसिन विभाग के आईसीयू में पहुंचे। इन मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण अस्पताल के बेड पूरी तरह से भर गए हैं।

कोहरे के कारण प्रदूषण बढ़ा, अस्थमा रोगियों की हालत बिगड़ी
कोहरे के कारण प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है, खासकर निचली सतह पर। कार्बन मोनोऑक्साइड के बढ़ते स्तर ने सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. जीवी सिंह ने बताया कि कोहरे में बाहर निकलने से अस्थमा के मरीजों की सांस नलिकाओं में सूजन आ रही है। पिछले 5 दिनों में अस्थमा अटैक के कारण 20 मरीज भर्ती हुए हैं, जिनमें से कई गंभीर हालत में ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं।

ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में वृद्धि
एसएन मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी प्रभारी डॉ. मनीष बंसल ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। मरीज चेहरे के एक हिस्से में टेढ़ापन, शरीर के एक हिस्से में सुन्नपन और बेचैनी-घबराहट की शिकायत लेकर आ रहे हैं।

ब्रेन स्ट्रोक के लिए समय की अहमियत
वरिष्ठ न्यूरो फिजीशियन डॉ. नरेश शर्मा ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों के लिए पहले 4 घंटे बेहद अहम होते हैं। अगर सीटी स्कैन में ब्लॉकेज पाया जाता है तो इंजेक्शन लगाया जाता है, जिससे मरीज जल्दी ठीक हो सकते हैं।

बच्चों में वायरल संक्रमण और निमोनिया की समस्या
एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. नीरज यादव ने बताया कि बच्चों में इस समय वायरल संक्रमण और निमोनिया की समस्या बढ़ रही है। तेज बुखार आने पर डॉक्टर से परामर्श लेकर ही दवा लें।

सतर्कता बरतने की सलाह
डॉक्टरों ने सर्दी के मौसम में कुछ खास सावधानियां बरतने की सलाह दी है:

स्वेटर, जैकेट और ऊनी टोपी पहनें।
बर्फीली हवा चलने पर बाहर जाने से बचें।
बीपी और शुगर के मरीज नियमित दवा लेते रहें।
सुबह टहलने का समय बदलकर जाएं।
टंकी में रात भर का ठंडा पानी न इस्तेमाल करें।
बाइक से बाहर जाते समय कान ढकें।
पौष्टिक आहार लें और हरी सब्जियां, दाल, बाजरा, मक्का, सलाद, और वेजीटेरियन सूप का सेवन करें।
आर्थिक रूप से सक्षम होने पर केवल का सेवन करें, जिसमें बादाम प्रमुख है।
रात में गुनगुना दूध पीने से लाभ होगा।
इन सावधानियों से सर्दी और मौसमी बीमारियों से बचाव किया जा सकता है और स्वास्थ्य को बेहतर रखा जा सकता है।

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