संभल जिले के खग्गू सराय क्षेत्र में 46 साल बाद मिले एक प्राचीन शिव मंदिर और उसके परिसर में स्थित कुएं की कार्बन डेटिंग (आयु जांच) के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम जल्द ही संभल पहुंचेगी। बृहस्पतिवार को नायब तहसीलदार के नेतृत्व में राजस्व विभाग की एक टीम ने मंदिर के आसपास के क्षेत्र की पैमाइश की और महत्वपूर्ण स्थानों पर निशान लगाए। वहीं, प्रशासन ने बताया कि मंदिर के आसपास बढ़ते अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू कर दी जाएगी।
सही आयु का पता लगाने के लिए होगी कार्बन डेटिंग
एएसआई की टीम शुक्रवार को खग्गू सराय के मंदिर और कुएं का निरीक्षण करने और उनकी कार्बन डेटिंग करने के लिए संभल पहुंच सकती है। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने मंदिर और कुएं की प्राचीनता की जांच के लिए एएसआई को पत्र लिखा था।
यह मंदिर और कुआं 14 दिसंबर को हुई हिंसा के बाद अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान सामने आए थे। नगर पालिका के ईओ मणिभूषण तिवारी ने बताया कि इस मंदिर और कुएं की प्राचीनता करीब 200 साल या उससे भी अधिक हो सकती है। इसकी सही आयु का पता लगाने के लिए अब कार्बन डेटिंग की जाएगी। इससे मंदिर और कुएं की वास्तविक उम्र का पता चलेगा, जिससे इसके ऐतिहासिक महत्व का भी खुलासा होगा और संरक्षण के प्रयासों को भी मजबूती मिलेगी।
32 साल बाद खोला गया राधा कृष्ण मंदिर का ताला
इसके अलावा, मंगलवार को संभल के सरायतरीन इलाके के मोहल्ला कछवायन स्थित राधा कृष्ण मंदिर का ताला 32 साल बाद खोला गया। यह ताला 1992 में हुए दंगों के बाद बंद कर दिया गया था। अब इस मंदिर में पूजा अर्चना शुरू हो गई है। मंदिर के परिसर में एक बंद कुआं भी मिला है, जिसे पालिका द्वारा खोला गया है।
इस कुएं पर अतिक्रमण का एक हिस्सा अभी भी मौजूद है, जिसे हटाया जाएगा। कुएं की गहराई का अनुमान 40 फीट तक लगाया जा रहा है, और इसका स्लैब तोड़ने पर यह गहरा दिखाई दिया है। हालांकि, कुएं की सटीक गहराई अभी मापी नहीं गई है।
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