बिहार की नीतीश सरकार के बुलावे पर बड़े औद्योगिक घराने आ गए पटना

दो दिवसीय ग्लोबल बिजनेस इनवेस्टर्स समिट शुरू हो चुका है। पिछले साल की तरह इस साल भी समिट में देश विदेश की 80 से अधिक कई बड़ी कंपनियां शामिल हुई हैं।

पटना के ज्ञान भवन में गुरुवार सुबह से बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024 के तहत दो दिवसीय ग्लोबल बिजनेस इनवेस्टर्स समिट शुरू हो चुका है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, उद्योग विभाग के मंत्री नीतीश मिश्रा ने इसका शुभारंभ किया। इस समिट के जरिए बिहार सरकार बड़ी-बड़ी कंपनियों को बिहार में अपना उद्यम लगाने का न्यौता दे रही। इस साल देश विदेश की 80 से अधिक कंपनियों के प्रतिनिधि इस समिट में शामिल हुए। बिहार सरकार अपने स्टार्टअप पॉलिसी पर खूब फोकस कर रही है।

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि हमलोग आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि पहले हमें कुछ चीजों का एहसास नहीं था। हमलोग जनसंख्या में बंग्लादेश और इंडोनेशिया से आगे हैं। हमारे पास प्रतिभा है। यूपीएससी की परीक्षा में सबसे अधिक बिहार का बच्चा पास करता है। इस प्रतिभा का प्रयोग करना है। देश में सबसे अधिक प्रतिभाशाली यहां है। बिहार के बच्चे या तो टॉप पर है या तो बॉटम में हैं।

सम्राट चौधरी ने कहा कि पहले नेपाल से आने वाली पानी हमें बर्बाद कर चली जाती थी। मात्र 2 लाख पानी अगर नेपाल छोड़ती थी तो करीब 15 जिला डूब जाता था। लेकिन इस बार साढ़े 6 लाख क्यूसेक पानी नेपाल से छोड़ा गया। इसके बावजूद एक भी प्रखंड में बाढ़ का पानी पूरी तरह नहीं आया। हमलोग जल्द ही पांच बड़े डैम बनाने जा रहे हैं। आज ग्लोबल समिट के जरिए हमलोग कई क्षेत्रों में आगे जाना चाहते हैं। मक्का हमारे यहां सबसे ज्यादा होता है। निवेशकों से सम्राट चौधरी ने कहा कि हमें फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में आपका सहयोग चाहिए।

उद्योग विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने कहा कि बिहार अब नई गाथा लिखने जा रहा है। हमलोग फूड प्रोसेसिंग, फार्मा, प्लास्टिक और बायोफूल पॉलिसी लाने जा रहे हैं। यह उद्योग जगत के मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमलोग निवेशकों से अपील है कि आप लोग बिहार में निवेश करें। बिहार इसके लिए तैयार है। उद्योग में यहां काफी संभावनाएं हैं।

पिछले साल की तरह इस साल भी समिट में कई बड़ी कंपनियां शामिल हुई हैं। 2023 ग्लोबल बिजनेस इनवेस्टर्स समिट में अंबानी, अडाणी, गोदरेज सहित समेत करीब 300 कंपनियां शामिल हुई थी। इन कंपनियों ने कुल 50,530 करोड़ रुपए के MOU पर हस्ताक्षर किया था। हालांकि एक साल बाद भी अब तक मात्र तीन कंपनियों का प्रोजेक्ट शुरू हो पाया है।

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