यह फैसला उनके चुनावी गणित के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। खासतौर पर यादव मतदाताओं को साधने की उनकी योजना को झटका लगा है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के आम आदमी पार्टी (आप) को समर्थन देने के ऐलान से कांग्रेस के नांगलोई क्षेत्र के उम्मीदवार रोहित चौधरी की रणनीति पर बड़ा असर पड़ा है। यह फैसला उनके चुनावी गणित के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। खासतौर पर यादव मतदाताओं को साधने की उनकी योजना को झटका लगा है।
बताया जा रहा है कि रोहित चौधरी की योजना थी कि वह सपा विधायक पंकज मलिक और सपा सांसद हरेंद्र मलिक की मदद से नांगलोई क्षेत्र में यादव समुदाय के करीब 15 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन जुटाएंगे। पंकज मलिक, रोहित चौधरी के जीजा और उत्तर प्रदेश के चरथावल विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक हैं और हरेंद्र मलिक उनकी बहन के ससुर और मुजफ्फरनगर से सपा के सांसद हैं। अखिलेश यादव के आप को समर्थन देने के ऐलान ने रोहित चौधरी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। इसका सीधा असर उनके अभियान पर पड़ सकता है, क्योंकि उनके रिश्तेदारों के लिए खुलकर उनकी मदद करना राजनीतिक तौर पर जटिल हो जाएगा।
सपा के शीर्ष नेतृत्व का फैसला उनके रिश्तेदारों को असमंजस की स्थिति में डाल सकता है, क्योंकि उनके लिए पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन करना आसान नहीं रहेगा। हालांकि, रोहित चौधरी इस स्थिति के बावजूद आत्मविश्वास जताते हुए कहते हैं कि उनके रिश्तेदार अपना पारिवारिक फर्ज निभाएंगे और उनकी मदद के लिए आगे आएंगे। उन्होंने कहा कि राजनीति अपनी जगह है, लेकिन रिश्ते अपनी जगह। मेरे जीजा पंकज मलिक और हरेंद्र मलिक मुझे समर्थन देंगे और मेरे चुनाव प्रचार में शामिल होंगे।
नांगलोई में यादव मतदाता अहम
नांगलोई विधानसभा क्षेत्र में यादव समुदाय का करीब 15 प्रतिशत वोट बैंक है, जो चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। रोहित चौधरी की रणनीति थी कि वह अखिलेश यादव की एक सभा आयोजित कराकर यादव मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करेंगे, लेकिन अखिलेश के आप को समर्थन देने के बाद यह संभावना लगभग खत्म हो गई है।