आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की संदिग्ध हालत में हुई मौत की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने केस दर्ज कर लिया है. मामले की जांच के लिए शनिवार को सीबीआई की एक टीम राजधानी लखनऊ पहुंची थी. यूपी सरकार के निवेदन और केंद्र सरकार की अधिसूचना के आधार पर केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई है. बीते माह 22 मई को लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में अनुराग के भाई मयंक तिवारी की शिकायत पर इस मामले में केस दर्ज किया गया था.
क्या था मामला
17 मई की रात 2007 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी अनुराग तिवारी का शव लखनऊ में एक गेस्ट हाउस के बाहर पाया गया था. अनुराग की मौत पर उनके भाई मयंक तिवारी ने साजिश की आशंका जताते हुए इसे हत्या बताया. कर्नाटक कैडर के अधिकारी अनुराग तिवारी बंगलुरु में खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग में आयुक्त के पद पर तैनात थे.
यूपी के रहने वाले थे अनुराग
उत्तर प्रदेश के बहराइच निवासी अनुराग आईएएस अधिकारियों के प्रशिक्षण के सिलसिले में पिछले कुछ दिनों से लखनऊ में थे. स्थानीय पुलिस को दिए अपने बयान में मयंक ने कहा है कि अनुराग ने उन्हें कर्नाटक में एक घोटाले को उजागर करने के बारे में बताया था और उनपर (अनुराग तिवारी) कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने का बेहद दबाव था.
अनुराग को था जान का खतरा
मयंक ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि एक बार अनुराग ने अपनी जान को भी खतरा बताया था. इस महीने की शुरुआत में अनुराग के परिजनों ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और सीबीआई से मामले की जांच कराने को कहा था. फिलहाल अनुराग तिवारी की मौत का रहस्य अभी भी बरकरार है.