वैज्ञानिकों के मुताबिक, लेनाकापावीर टीका पुरुषों में भी एचआईवी के संक्रमण को लगभग खत्म कर सकता है। क्लिनिकल परीक्षण में पांच हजार लोगों को शामिल किया गया। इस दौरान टीका लेने वाली महिलाओं में कोई भी संक्रमण का शिकार नहीं हुई। इस टीके को छह महीने के अंतराल पर लगाया जाता है।
साल में दो बार ‘लेनाकापावीर’ नामक नई रोग प्रतिरोधक दवा का टीका लगवाने से एचआईवी के संक्रमण रोकने में मदद मिलती है। वैज्ञानिकों ने दक्षिण अफ्रीका में किए एक क्लिनिकल परीक्षण में यह दावा किया है।
परीक्षण में यह भी कहा गया कि महिलाओं पर किए गए परीक्षण में यह 100 फीसदी प्रभावी रहा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह टीका पुरुषों में भी एचआईवी के संक्रमण को लगभग खत्म कर सकता है। क्लिनिकल परीक्षण में पांच हजार लोगों को शामिल किया गया। इस दौरान टीका लेने वाली महिलाओं में कोई भी संक्रमण का शिकार नहीं हुई। इस टीके को छह महीने के अंतराल पर लगाया जाता है। दवा बनाने वाले गिलियड ने कहा कि एचआईवी की मार झेल रहे 120 गरीब देशों में लेनाकापावीर को सस्ते दामों पर उपलब्ध कराया जाएगा। इनमे अधिकतर अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया और कैरिबियन से हैं। यूएनएड्स की कार्यकारी निदेशक विनी बयानीमा ने कहा, यह अब तक हमारे अब तक मौजूद किसी भी अन्य उपचार से बेहतर उपाय है।
अमेरिका, कनाडा और यूरोप में पहले से मिल रही लेनाकापावीर
ड्यूक विश्वविद्यालय में ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ क्रिस बेयरर ने कहा कि अफ्रीका और एशिया जैसे देशों में लेनाकापावीर का इस्तेमाल पहले से ही हो रहा है। यह अमेरिका, कनाडा, यूरोप और अन्य जगहों पर एचआईवी संक्रमण के इलाज के तौर पर सनलेंका ब्रांड के नाम से बेची जा रही है।
बयानीमा ने कहा, यह एचआईवी संक्रमितों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। हालांकि, इसके परिणाम के लिए संक्रमित मरीज को दो साल का इंतजार करना पड़ेगा।
पिछले साल 6.30 लाख एड्स पीड़ितों की मौत, 20 साल में सबसे कम
रविवार को जारी एक रिपोर्ट में यूएनएड्स ने कहा कि पिछले वर्ष एड्स से मरने वालों की संख्या अनुमानित तौर पर 630,000 थी जो 2004 के बाद से सबसे कम थी। इससे वैज्ञनिकों में उम्मीद जगी है कि इस बीमारी से जल्द निजात मिलेगी।