भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जिले के रेहटी गांव में कर्ज के बोझ के तले दबे किसान दुलीचंद के ज़हर खाकर जान देने की ख़बर है. बताया जा रहा है कि 52 साल के दुलीचंद ने सोमवार को जहर खाकर खुदकुशी कर ली. उन पर 6 लाख से ज्यादा का कर्ज था, हालांकि डॉक्टर जहर से मौत से इनकार कर रहे हैं. तीन दिन पहले भी रायसेन में किशन सिंह मीणा ने खुदकुशी की थी.
वहीं कांग्रेसी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया 14 जून से 72 घंटे के सत्याग्रह पर बैठने वाले हैं. किसान आंदोलन के दौरान हुई गोलीबारी के बाद मध्यप्रदेश सरकार के खिलाफ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मोर्चा खोल रखा है. उन्होंने इंदौर के MY अस्पताल में घायलों से मुलाकात की. सिंधिया ने इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पुलिस ने किसानों को एक-एक करके निशाना बनाया, उनसे बुरा सलूक किया. सिंधिया ने यह भी कहा कि उन अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही, जिन्होंने गोली चलाने का आदेश दिया था.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा- घायलों से मिला. उन्होंने जो घटनाक्रम बताया उसने मुझे अंदर से झकझोर दिया है. पुलिस ने एक-एक कर किसानों को गोली मारी. शवों को घसीटा गया. मोबाइल और पैसे छीने गए, जिन अधिकारियों ने गोली चलाने का आदेश दिया उन पर FIR नहीं हुई है, जबकि 700 किसानों को जेल में डाल दिया गया. 6 किसानों की मौत हो गई, 10 किसान लापता हैं, लेकिन गोली चलाने का आदेश देने वालों के ख़िलाफ़ FIR तक नहीं हुई.
मंदसौर जिले में किसान आंदोलन को लेकर पुलिस ने 46 एफआईआर दर्ज की हैं. इन सभी मामलों में प्रदर्शनकारी किसानों पर हिंसा और आगजनी फैलाने के केस दर्ज किए गए हैं, लेकिन पुलिस के खिलाफ एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है. मध्य प्रदेश में कर्जमाफी और फसलों की उचित मांग को लेकर किसानों ने जगह-जगह उग्र प्रदर्शन किया था.